दुनिया में फिर से आ सकती है नई महामारी, वैज्ञानिकों ने जिंदा किया 48 साल पुराना Zombie Virus
punjabkesari.in Wednesday, Nov 30, 2022 - 10:57 AM (IST)
कोरोना महामारी अभी देश से गई नहीं थी कि एक नए वायरस से दस्तक देनी शुरु कर दी है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है जिसमें लगभग दो दर्जन वायरस दोबारा जिंदा कर दिए हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण पुरानी बर्फ की निचली सतहों का पिघलना(पर्माफ्रॉस्ट) मनुष्यों के लिए एक नया खतरा पैदा कर सकता है। यह वायरस 48, 500 साल पहले एक झील के नीचे जमे हुए थे जिसे वैज्ञानिकों ने खोजा है। यूरोपीय रिसर्चरों ने रुस के साइबेरिया क्षेत्र में बर्फ के नीचे की सतह से इकट्ठे किए हुए पुराने नमूनों की जांच की है। जिसमें उन्होंने आने वाले खतरे के बारे में लोगों को आगह किया है।
13 नई बीमारियां फैलाने वाले वायरस को किया जिंदा
बर्फ की निचली सतह में फैले हुए नमूनों की जांच करने के बाद विशेषज्ञों ने 13 नई बीमारियां फैलाने वाले वायरस को जिंदा किया है। साथ ही इन वैज्ञानिकों ने इस वायरस की विशेषता बताई है। इस वायरस को वैज्ञानिकों ने 'जोंबी वायरस' का नाम दिया है। बर्फ की जमीन के अंदर भी हजारों सालों तक फंसे रहने के बावजूद भी यह वायरस जिंदा रहे।
वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने लंबे समय से इस वायरस को लेकर चेतावनी दी है कि वायुमंडलीय वार्मिंग के कारण बर्फ की निचली सतह में कैद मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें मुक्त हो जाएंगी और क्लाइमेट को और भी खराब कर सकती हैं। लेकिन बीमारी फैलाने वाले वायरस पर इन गैसों का असर कम होगा। रुस, जर्मनी और फ्रांस की रिसर्च टीम ने कहा कि उनके शोध में विषाणुओं को फिर से जिंदा करने का ऑर्गेनिक रिस्क था, क्योंकि टारगेट स्ट्रेन मुख्य रुप से अमीबा को संक्रमति करने में सक्षम थे। एक वायरस को दोबारा से जिंदा करना बहुत ही कठिन है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वायरस के जरिए खतरे को परखा जा सकता है।
हालात हो सकते हैं खराब
एक शोध के अनुसार, इस पुराने और अज्ञात वायरस के पुनर्जीवित होने के कारण पौधे, पशु और मानव रोगों के मामले में स्थिति खराब हो सकती है। यह वायरस मनुष्यों, जानवरों को संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों ने एक पोस्ट में लिखा कि - इस प्रकार से ये संभावना है कि प्राचीन पर्माफ्रॉस्ट इन अज्ञात वायरसों को मुक्त कर देंगे, जिनकी अभी तक समीक्षा नहीं की गई है। उनमें संक्रमित करने की कितनी संभावना होगी इस बात का अनुमान लगाना अभी संभव है।
और रिसर्च की है जरुरत
एक रिपोर्ट के अनुसार, नया और पिघला हुआ वायरस केवल महामारी विज्ञान हिमशैल का हिस्सा हो सकता है क्योंकि अभी और अधिक हाइबरनेटिंग वायरस की खोज करनी बाकी है। प्रकाश, गर्मी, ऑक्सीजन और अन्य बाहरी पर्यावरणीय चर के संपर्क में आने पर इन अज्ञात विषाणुओं की संक्रामकता के स्तर का अंदाजा लगाने के लिए अभी और रिसर्च की जरुरत है।