मिलिए 'टेनिस क्वीन' सानिया मिर्जा से, Women's Tennis Association का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला

punjabkesari.in Tuesday, Nov 22, 2022 - 10:07 AM (IST)

 “कभी हार न मानने वाले को हराना मुश्किल है”कुछ ऐसी ही शख्सियत है सानिया मिर्ज़ा की। बेवाक और बुलंद हौसलों वाली ये लड़की आज के समय की भारत की सबसे पसंदीदा और सफल महिला टेनिस खिलाड़ियों में से एक हैं। अपनी काबिलियत और बेहतरीन खेल से सानिया ने टेनिस वर्ल्ड की दुनिया में तहलका मचाया था। लेकिन क्या ये सफर तय करना इतना आसान था। जी नहीं, बेशक टेनिस कोर्ट में सानिया ने कभी हार नहीं मानी लेकिन खेल के मैदान के बाहर दुनिया के तानों ने उन्हें कई बार परेशान किया। लड़की हो.., बाहर खेला मत करों, काली हो जायोगी तो शादी कौन करेगा। इस तरह की कई चीजों से सानिया का सामना हुआ। इतना ही नहीं साल 2005 में एक धार्मिक गुरु ने उनके ड्रेस यानी शॉर्ट स्कर्ट को लेकर तरह-तरह के फतवा जारी किए। लेकिन सानिया ने कभी हार नहीं मानी तो आईए एक नजर उनके सुनहरे खेल करियर पर डालते हैं।

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महेश भूपति के पिता सीके भूपति से ली कोचिंग 

सानिया मिर्जा का जन्म 15 नवंबर 1986 को मुंबई में हुआ था। उनका बचपन हैदराबाद में गुजरा। जन्म के बाद सानिया के पिता इमरान मिर्जा काम के चलते हैदराबाद आ गए। इमरान मिर्जा एक स्पोर्ट्स पत्रकार थे। बाद में उन्होंने एक प्रिंटिंग बिजनेस की शुरुआत की और निर्माता बन गए। सानिया की मां नसीमा मिर्जा भी प्रिंटिंग उद्योग में ही कार्यरत थीं।

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सानिया मिर्जा की शिक्षा

टेनिस स्टार सानिया की शुरुआती शिक्षा खेराताबाद की नासर स्कूल से हुई। आगे की पढ़ाई हैदराबाद के सेंट मैरी कॉलेज से हुई। जब सानिया महज 6 साल की थीं तो उनके पिता ने सानिया को हैदराबाद के निजाम क्लब में दाखिला दिला दिया। हालांकि वहां के कोच ने इतनी छोटी बच्ची को सिखाने से मना कर दिया। लेकिन सानिया मिर्जा के टेनिस के हुनर को देखते हुए प्रशिक्षण देने के लिए राजी हो गए।

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सानिया मिर्जा का टेनिस में करियर और सफलता

कम उम्र में ही सानिया ने टेनिस की प्रैक्टिस शुरू कर दी। उनके पहले गुरु टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति हैं, जिन्होंने सानिया को टेनिस की शुरुआती शिक्षा दी। बाद में सिकंदराबाद के सिनेट टेनिस अकादमी में सानिया ने ट्रेनिंग ली और फिर अमेरिका आ गईं, जहां एस टेनिस अकादमी ज्वाइन कर ली।1999 में जकार्ता में हुए विश्व जूनियर चैंपियनशिप में सानिया मिर्जा ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेला था। बाद में 2003 में विंबलडन चैंपियनशिप गर्ल्स डबल में खिताब भी जीता। 2003 यूएस ओपन गर्ल्स डब्ल्स के सेमीफाइनल तक पहुंचीं। एफ्रो – एशियाई खेलों में सानिया ने चार स्वर्ण पदक जीते। साल 2007 में सानिया ने चार युगल खिताब जीते और एकल रैंकिंग में विश्व में 27वें नंबर पर जगह बना ली। 2009 में सानिया ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन में महेश भूपति के साथ मिक्स्ड डबल में पहला ग्रैंड स्लैम जीता। सानिया मिर्जा ने अपने करियर में 6 ग्रैंड स्लैम हासिल किए हैं।

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सानिया मिर्जा की शादी

जब सानिया मिर्जा का करियर ऊंचाइयों पर था, तो उन्होंने पाकिस्तान के क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी कर ली। उनकी शादी काफी विवादों में रही। दोनो का पहली मुलाकात ऑस्ट्रेलिया में हुई थी। दोनों की अक्सर मुलाकात होने लगी। सानिया को शोएब की सादगी से प्यार हो गया।

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बाद में सानिया और शोएब के परिवारों ने एक दूसरे से मुलाकात की और दोनों के रिश्ते को रजामंदी दे दी। अप्रैल 2010 में सानिया मिर्जा और शोएब मलिक का निकाह हो गया। वर्तमान में दोनों का एक बेटा भी है।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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