महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ये है दो बड़े कारण, कैसे पहचानें शुरुआती लक्षण
punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 03:34 PM (IST)

नारी डेस्क: आज के समय में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं की सेहत के लिए एक बड़ी और गंभीर समस्या बन चुका है। हर साल लाखों महिलाएं इस बीमारी से प्रभावित होती हैं, और भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि कई बार इस बीमारी की पहचान देर से होती है, जब इलाज का सही समय निकल चुका होता है। बहुत से लोग नहीं जानते कि ब्रेस्ट कैंसर के पीछे कुछ ऐसे कारण भी हो सकते हैं जो हमारी रोज़मर्रा की जीवनशैली और आदतों से जुड़े होते हैं। अगर समय रहते इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो न सिर्फ इससे बचा जा सकता है बल्कि इलाज भी बहुत आसान हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर कोई अचानक से होने वाली बीमारी नहीं है। यह धीरे-धीरे शरीर में विकसित होती है और इसके लक्षण भी धीरे-धीरे दिखने लगते हैं। लेकिन महिलाएं अक्सर इन संकेतों को नजरअंदाज कर देती हैं या सामान्य मानकर टाल देती हैं। यही लापरवाही बीमारी को गंभीर बना देती है।
जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं जिम्मेदार
अगर आपके परिवार में नानी, दादी, मां या बहन को ब्रेस्ट कैंसर रहा है तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। हालांकि इसका सीधा मतलब यह नहीं कि आपको भी ब्रेस्ट कैंसर हो जाएगा, लेकिन शरीर में इसके लिए माहौल बन सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर अब सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं को नहीं, बल्कि 30 से 35 साल की महिलाओं को भी हो रहा है।
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खराब जीवनशैली और खानपान सबसे बड़ा कारण
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी जीवनशैली और खानपान काफी बिगड़ चुका है। यह ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को और बढ़ा देता है।
कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
जंक फूड का ज्यादा सेवन
नियमित व्यायाम न करना
शराब और सिगरेट का सेवन
अधिक वजन होना
मानसिक तनाव
शारीरिक गतिविधियों में कमी
नींद पूरी न होना
इन सभी आदतों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण
अगर आप अपने शरीर में इन लक्षणों को देखें तो सावधान हो जाएं:
ब्रेस्ट में या उसके आसपास गांठ बनना
बाहों के पास कोई कठोर सूजन या गांठ
ब्रेस्ट से खून आना
दोनों ब्रेस्ट का साइज अलग-अलग दिखना
निप्पल में दर्द, खिंचाव या डिस्चार्ज
ब्रेस्ट या निप्पल का रंग बदलना
ये सभी लक्षण ब्रेस्ट कैंसर के संकेत हो सकते हैं। लेकिन बहुत सी महिलाएं इन्हें शर्म या डर की वजह से नजरअंदाज कर देती हैं।
समय रहते पहचान से बचाव संभव
अगर महिलाएं समय रहते इन लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर से सलाह लें, तो ब्रेस्ट कैंसर का इलाज शुरुआती स्टेज में ही संभव है। इसके लिए ज़रूरी है हर महीने खुद से ब्रेस्ट की जांच (सेल्फ एग्जामिनेशन), 40 की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राफी कराना, संतुलित और पौष्टिक खानपान, नियमित रूप से व्यायाम, तनाव को कम करना, पूरी नींद लेना।
ब्रेस्ट कैंसर को हराना मुश्किल नहीं है, अगर आप सजग और जागरूक रहें। छोटी-छोटी आदतों में बदलाव और अपने शरीर के संकेतों को समझना ही इस बीमारी से बचने और समय पर इलाज पाने का सबसे कारगर तरीका है।