कोरोना के बाद अब प्याज से फैल रहा सैल्मोनेला बैक्टीरिया, CDC ने जारी किया अलर्ट
punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2020 - 11:56 AM (IST)
एक तरफ दुनिया में कोरोना वायरस ने कहर मचा रखा है वहीं दूसरी तरफ वायरल फीवर, डेंगू जैसी परेशानियां सामने आ रही हैं। इसकी बीच अमेरिकी की सीडीसी (स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) ने एक नए संक्रमण की आंशका जताई है। सैल्मोनेला (Salmonella Bacteria) नामक यह बैक्टीरिया प्याज के जरिए इंफैक्शन फैला रहा है।
अमेरिका में 400 लोग संक्रमित
लाल और पीली प्याज होने वाले सैल्मोनेला बैक्टीरिया के अमेरिका में सैकड़ों मामले सामने आए है। यह संक्रमण अमेरिका के 34 राज्यों के 400 लोगों जबकि कनाडा में भी 50 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। इसके बाद से ही कई राज्यों में लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
Salmonella Outbreak Update: Don’t eat, serve or sell recalled onions from Thomson International or food made from these onions. Check the list of brand names to see if you have recalled onions: https://t.co/1uvWO6f6cZ pic.twitter.com/U5ORm1d5V0
— CDC (@CDCgov) August 3, 2020
प्याज के जरिए फैल रहा इंफैक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज से फैलने वाले इस संक्रमण के कारण संकट की स्थिति बनी हुई है। सीडीसी ने प्याज न खाने की सलाह दी है और नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। जिन लोगों के घरों में पहले से ही प्याज मौजूद है उन्हें इसे फेंकने की अपील की जा रही है। 19 जून से 11 जुलाई के बीच इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के मुताबिक, साल्मोनेला संक्रमण लाल प्याज से फैल रहा है। अलर्ट जारी करने के बाद से ही सप्लायर एजेंसी थॉमसन इंटरनेशनल ने लाल, सफेद, पीली और मीठे प्याज वापिस मंगवा लिए हैं।
क्या है सैल्मोनेला?
सैल्मोनेला आंतों को प्रभावित करने वाला बैक्टीरिया है, जो अंडा, बीफ, कच्चे मुर्गों और फल-सब्जियों के जरिए फैलता है। इसके अलावा यह सांप, कछुए और छिपकली से भी इंसानों को प्रभावित कर सकता है।
सैल्मोनेला बैक्टीरिया के लक्षण
सीसीडी के मुताबिक, पीड़ित व्यक्ति में 6 घंटे से लेकर 6 दिन के अंदर डायरिया, बुखार, पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। स्थिति गंभीर होने पर यह इंफैक्शन आंतों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
किन लोगों को अधिक खतरा
वैसे तो हर उम्र के लोगों में यह संक्रमण होने के मामले सामने आए है लेकिन 5 साल से अधिक उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को इसका खतरा अधिक है।