अयोध्या में बनी Record वाली दिवाली, स्वर्ग से भी सुंदर दिखा  रामलला की नगरी का नजारा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2022 - 02:56 PM (IST)

भगवान राम की जन्मस्थली  अयोध्‍या में रामायण और रामचरित मानस के लोकप्रिय भजनों, चौपाइयों और दोहों के गायन के बीच स्थानीय लोग और पर्यटकों ने  दीपोत्सव मनाया। 15 लाख दीपों के जलते ही राम की नगरी जगमगा उठी, इस नजारे को शब्दों में बयान ही नहीं किया जा सकता है। 15 लाख 76 हजार दीयों के साथ बनाया गया ये उत्सव एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब हो गया।

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 वर्ष 2021 में भी 12 लाख दीयों को जलाए जाने का रिकॉर्ड बनाया गया था, लेकिन इस बार तो नया कीर्तिमान बनाया गया। पहली बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस दीपोत्सव का हिस्सा बने।  दिवाली की पूर्व संध्या पर उन्होंने रामलला की  पूजा-अर्चना की और फिर तीर्थ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा की।इस दौरान विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्य रूपों के साथ पांच एनिमेटेड झांकियां और 11 रामलीला झांकियां भी प्रदर्शित की गई। 

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प्रधानमंत्री ने भव्य म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखा। दीपोत्सव के आयोजकों ने बताया कि स्वयंसेवकों ने  एक वर्ग में मिट्टी के 256 दीये लगाए और दो चौकों के बीच की दूरी लगभग दो से तीन फीट की रही। इस भव्य समारोह के दौरान  3डी प्रोजेक्शन मैपिंग, आतिशबाजी और अन्य देशों और राज्यों के सांस्कृतिक दलों ने रामलीला का मंचन भी किया। 

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 दीपोत्सव के दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक टीम भी अयोध्या में मौजूद थी। विश्व रिकॉर्ड के लिए दीयों को कम से कम पांच मिनट जलाया जाना था। करीब 22 हजार वॉलंटियर्स की मदद से इस आयोजन को सफल बनाया गया। 15 लाख से अधिक मिट्‌टी के दीये जलाए जाने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया है।

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 दीपोत्सव के दौरान  अयोध्या के रामकथा पार्क का नजारा देखने लायक था। पुष्पक विमान रूपी हेलिकॉप्टर से 'अवतार स्वरूप' भगवान (भगवान राम, देवी सीता, भगवान लक्ष्मण और भगवान हनुमान के अवतार) के उतरते ही चारों तरफ से जय श्री राम की गूंज सुनाई दी। 

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दीपोत्सव के लिए सुरक्षा व्यवस्था का भी पूरा ध्यान दिया गया।"इस आयोजन के लिए करीब 4,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर रहे। आतिशबाजी के प्रदर्शन, नदी आधारित सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपाय शुरू किए गए थे, ताकि कोई नदी में न डूबे। 
 


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vasudha

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