ब्रेस्ट में गांठ दिखे तो घबराएं नहीं, जानिए कब ज़रूरी है डॉक्टर से मिलना
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 11:28 AM (IST)

नारी डेस्क: कई बार शरीर, खासकर ब्रेस्ट (स्तन) के पास कोई गांठ महसूस होने पर हमारे मन में सबसे पहला ख्याल आता है – कहीं ये कैंसर तो नहीं? डर लगना स्वाभाविक है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि हर गांठ का मतलब कैंसर नहीं होता। ऐसी कई अन्य वजहें भी होती हैं जिनसे शरीर में गांठ बन सकती है।
गांठ होने के सामान्य कारण क्या हो सकते हैं?
डॉक्टरों के मुताबिक, स्तनों में बनने वाली 10 में से लगभग 8 गांठें गैर-कैंसरजनक (नॉन-कैंसरस) होती हैं। यानी इनमें कैंसर नहीं होता। आइए जानते हैं
इनके कुछ सामान्य कारण
हार्मोनल बदलाव
मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हार्मोन में बदलाव होता है। इन हार्मोन के उतार-चढ़ाव की वजह से ब्रेस्ट के टिशू संवेदनशील हो जाते हैं, जिससे कभी-कभी हल्की सूजन या गांठ जैसी कठोरता महसूस हो सकती है। ये गांठें आमतौर पर पीरियड्स के खत्म होते ही अपने-आप ठीक हो जाती हैं।
प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग
गर्भावस्था और स्तनपान के समय ब्रेस्ट में कई जैविक बदलाव होते हैं। दूध बनने वाली ग्रंथियां (मिल्क ग्लैंड्स) सक्रिय हो जाती हैं और इस प्रक्रिया के कारण स्तनों में गांठ जैसी हल्की कठोरता महसूस हो सकती है। यह बदलाव सामान्य है और इसमें घबराने की जरूरत नहीं होती, जब तक कि गांठ में दर्द, सूजन या कोई रिसाव न हो।
फैटी टिशू या सिस्ट
कई बार ब्रेस्ट में बनने वाली गांठें सिर्फ फैटी टिशू (वसा ऊतक) या सिस्ट होती हैं। सिस्ट एक तरह की पानी से भरी थैली होती है जो त्वचा के नीचे महसूस हो सकती है। यह मुलायम या थोड़ी कठोर हो सकती है, लेकिन अक्सर हानिकारक नहीं होती। ज्यादातर मामलों में यह समय के साथ अपने-आप ही खत्म हो जाती है।
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मिल्क ग्लैंड्स में सूजन या संक्रमण
स्तनपान करवाते समय अगर दूध की ग्रंथियों में दूध जम जाए या किसी बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाए, तो ब्रेस्ट में सूजन आ सकती है और गांठ बन सकती है। इसे मास्टाइटिस कहा जाता है। इससे ब्रेस्ट में दर्द, लालिमा और बुखार भी हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
पुरानी चोट या झटका लगना
अगर ब्रेस्ट पर कभी किसी तरह की चोट लग जाए – जैसे अचानक किसी चीज़ से टकराना या गिर जाना – तो वहां एक कठोर गांठ बन सकती है। यह गांठ कभी-कभी फैटी ऊतक के डैमेज होने की वजह से होती है और धीरे-धीरे ठीक हो सकती है। हालांकि, अगर दर्द या बदलाव लंबे समय तक रहे तो चेकअप कराना ज़रूरी होता है।
तनाव और गलत खानपान
लगातार तनाव और अनहेल्दी डाइट हमारे हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित करते हैं। हार्मोन का असंतुलन ब्रेस्ट टिशू पर असर डाल सकता है और गांठ बनने का कारण बन सकता है। बहुत अधिक प्रोसेस्ड फूड, तला-भुना खाना, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसका खतरा बढ़ा सकते हैं। शरीर में टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) जमा होना या पित्त-कफ का बढ़ना।
कब दिखाएं डॉक्टर को?
गांठ सामान्य भी हो सकती है, लेकिन नीचे दिए गए लक्षण दिखें तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें
गांठ लगातार बढ़ रही हो।
गांठ में दर्द हो या त्वचा लाल दिखे।
निप्पल से किसी तरह का लिक्विड निकल रहा हो।
त्वचा में खिंचाव या गड्ढा जैसा कुछ दिखे।
बगल (armpit) में सूजन महसूस हो।
कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय
हल्के हाथों से गुनगुने तेल से मालिश करें। बहुत टाइट ब्रा पहनने से बचें। पर्याप्त पानी पिएं और नींद पूरी लें। तनाव कम करें, मेडिटेशन या योग करें।
आयुर्वेद में फायदेमंद जड़ी-बूटियां
अशोक की छाल: हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है।
लोधरा: महिला प्रजनन स्वास्थ्य के लिए उपयोगी।
मजीठ: खून साफ करती है और सूजन कम करती है।
त्रिफला: पाचन सुधारती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालती है।
गांठ होने पर घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन उसे नजरअंदाज करना भी सही नहीं है। अगर गांठ में कोई बदलाव दिखे या ऊपर बताए गए लक्षण नज़र आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जागरूक रहें, सुरक्षित रहें।