रूस का यात्री विमान टेक ऑफ के बाद रडार से हुआ गायब, 50 लोग सवार, तलाश में जुटे अधिकारी
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 01:19 PM (IST)

नारी डेस्क: रूस से एक चिंताजनक खबर आई है। एक ऐसा यात्री विमान, जिसमें करीब 50 लोग सवार थे, अचानक रडार से गायब हो गया। यह विमान अंगारा एयरलाइंस का था और यह अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही अचानक नजरों से ओझल हो गया। इस विमान में बच्चे भी थे और पूरे चालक दल के सदस्य भी मौजूद थे। इस घटना ने लोगों के दिलों में चिंता की लहर दौड़ा दी है। रूस के अधिकारी अब इस विमान को खोजने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह विमान अमूर क्षेत्र के पास रडार से संपर्क टूट गया। हवाई यातायात संचालन नियामक ने बताया कि यह विमान टिंडा नामक गंतव्य स्थान पर उतरने से पहले ही अचानक रडार से गायब हो गया।
विमान में थे बच्चे और चालक दल के सदस्य
समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, इस विमान का कोड एन-24 है और इसमें 2 बच्चे भी सवार थे। इसके अलावा, विमान में चालक दल के 6 सदस्य भी मौजूद थे। रूस के अधिकारी इस विमान को वापस रडार में लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
यह कोई पहला हादसा नहीं है। अंगारा एयरलाइंस के एक एएन-24 विमान में दो महीने पहले भी एक दुर्घटना हुई थी। उस समय विमान किरेन्स्क में उतर रहा था, लेकिन जैसे ही उसने रनवे पर लैंडिंग की, उसका नोज (सामने का हिस्सा) टूट गया। इससे विमान में आग लग गई थी। हालांकि, उस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। हालांकि, जुलाई 2023 में भी इसी एएन-24 सीरीज के एक विमान का क्रैश होना चिंता का विषय था। उस हादसे में विमान में सवार कुल 37 यात्री थे। यह दुर्घटना भी अंगारा एयरलाइंस की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है।
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जांच जारी
स्थानीय प्रशासन और एविएशन अथॉरिटी ने तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बचाव दलों को जंगलों और पहाड़ी इलाकों की ओर रवाना किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि विमान ने क्रैश लैंडिंग की हो सकती है या किसी कम्युनिकेशन सिस्टम में खराबी आने की वजह से विमान से संपर्क टूट गया होगा। जिस क्षेत्र में विमान लापता हुआ है वो अमूर क्षेत्र मौसम के लिहाज से काफी मुश्किल क्षेत्र है। यहां काफी ज्यादा ठंड होती है और पहाड़ी इलाका है।
यहां घने जंगल, ऊबड़-खाबड़ इलाके हैं। इसके अलावा मौसम में अचानक परिवर्तन आता रहता है। इसलिए पायलट्स के लिए इस क्षेत्र से विमानों को उड़ाना काफी मुश्किल होता है। हालांकि, उसके बाद भी तकनीकी खराबी या कम्युनिकेशन सिस्टम के नाकाम होने की बात को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।