96 घंटे में खत्म हो जाएगी PAK आर्मी की ताकत, जंग के लिए नहीं बचा गोला-बारूद
punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 12:28 PM (IST)

नारी डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। इस बीच कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ, तो पाकिस्तान की सेना सिर्फ 4 दिन तक ही भारत का सामना कर सकेगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है—पाकिस्तान के पास गोला-बारूद और संसाधनों की भारी कमी।
गोला-बारूद का गंभीर संकट
न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सेना इस समय तोपखाने (आर्टिलरी) के गोला-बारूद की भारी कमी से जूझ रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान की युद्ध क्षमता बेहद सीमित हो गई है और वह सिर्फ 96 घंटे यानी लगभग 4 दिन तक ही किसी बड़े युद्ध में टिक पाएगा।
इस कमी की एक बड़ी वजह यह है कि पाकिस्तान ने हाल ही में यूक्रेन के साथ हथियारों का सौदा किया था, जिसके चलते उसने अपनी बड़ी मात्रा में तोपों के गोले यूक्रेन भेज दिए। इससे उसके अपने सैन्य भंडार खाली हो गए।
पुरानी फैक्ट्रियां और आपूर्ति की दिक्कतें
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF) जैसी इकाइयों की उत्पादन क्षमता बहुत पुरानी हो चुकी है। वो अब बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा नहीं कर पा रही हैं। इसके चलते पाकिस्तान को अपने गोला-बारूद की आपूर्ति दोबारा भरने में भी दिक्कत हो रही है।
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पाकिस्तानी सैन्य सिद्धांत भी हो रहा है फेल
पाकिस्तान की सेना की रणनीति तेज़ी से हमला करने और भारी तोपों-बख्तरबंद इकाइयों पर आधारित है। लेकिन जब तोप के गोले ही नहीं हैं, तो ये रणनीति भी कमजोर पड़ गई है।
कमर जावेद बाजवा ने भी स्वीकार की कमजोरी
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने खुद यह माना था कि पाकिस्तान भारत के साथ लंबे समय तक युद्ध नहीं कर सकता क्योंकि उसके पास न तो गोला-बारूद है और न ही आर्थिक ताकत।
गोला-बारूद के डिपो सीमा पर बनाए गए
कुछ खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान ने संभावित युद्ध को देखते हुए भारत-पाक सीमा के पास कई गोला-बारूद डिपो (गोदाम) बनाए हैं। लेकिन उसके पास इतना स्टॉक नहीं है कि वो लंबे समय तक युद्ध लड़ सके।
आर्थिक संकट ने और कमजोर किया
पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है। महंगाई (मुद्रास्फीति) बढ़ रही है, विदेशी कर्ज बढ़ता जा रहा है, और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। इन सबका असर उसकी सेना पर पड़ा है। ईंधन की कमी की वजह से सेना को ,राशन में कटौती, सैन्य अभ्यास रद्द करना, और युद्ध अभ्यास स्थगित करना पड़ा है।
नुकसान पाकिस्तान का ही हुआ
पाकिस्तान ने अल्पकालिक मुनाफे के लिए अपने गोले और हथियार दूसरे देशों को बेच दिए, लेकिन अब खुद युद्ध के लिए तैयार नहीं है। इसका खामियाजा उसे भविष्य में उठाना पड़ सकता है।