कैंसर सैल्स को मारने की ताकत रखता है उपवास, कभी ये बीमारी नहीं बनने देगा Sadhguru का बताया नियम
punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 08:46 PM (IST)

नारी डेस्कः जानलेवा और दर्द भरी बीमारियों में इस समय कैंसर सबसे ज्यादा बड़ी और पीड़ादायक है। इस नामुराद बीमारी का नाम सुनते ही मरीज के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। इस रोग के होने के बहुत से कारण हैं। हमारा बिगड़ा लाइफस्टाइल, खराब क्वालिटी का खान-पान और प्रदूषित हवा- पानी ये सब बीमारी को बढ़ा रहे हैं। खान-पान का इस बीमारी से खास कनैक्शन है। वैसे कैंसर को मात देने में चिकित्सकों की अपनी अपनी राय है। वहीं सद्गगुरु ने भी कैंसर जैसी बीमारी को मात कैसे देना है इस बारे में बताया है।
बता दें कि जगदीश "जग्गी" वासुदेव, जिन्हें सद्गुरु के नाम से जाना जाता है, वह एक प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु, आध्यात्मिक शिक्षक और ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के संस्थापक हैं। उनकी आध्यात्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती रहती है। कई बड़े स्टार्स से लेकर आम लोगों तक, लोग उनके प्रवचनों को फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया पर कैंसर से जुड़ा भी उनका एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि कैंसर के सैल्स को आप उपवास करके मार सकते हैं।
क्या उपवास करने से मर जाती हैं कैंसर कोशिकाएं
इस वीडियो में सद्गुरू कहते हैं कि उपवास की मदद से कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से पहले ही मारा जा सकता है लेकिन उपवास का मतलब ये नहीं की आप 8 से 15 दिन कुछ खाएं ही नहीं और खुद को भूखे रख कर मार डालना नहीं है। बस आप शाम को भोजन करें तो अगला भोजन शाम को ही होगा। अगर आप इतना गैप (अंतराल) देते हैं तो अधिकांश कैंसर कोशिकाएं बेअसर हो जाती है।
लेकिन क्या वो सब खत्म हो जाएगी?
आगे वह कहते हैं कि क्या ऐसा करने से सारी कैंसर कोशिकाएं खत्म हो जाएगी तो नहीं क्योंकि उनमें से कुछ कोशिकाओं को पता है कि कैसे छिपना है लेकिन वो कभी अपनी संख्या को बढ़ा नहीं पाती। यानि बढ़ाकर या शरीर में एक जगह जमा होकर बीमारी नहीं बना पाती तो अगर आप भोजन में अंतराल रखें। एक भोजन और दूसरे भोजन में बीच 6 से 8 घंटे का अंतराल रखते हैं और बीच में कुछ भी नहीं खाते तो आपकी अधिकांश कैंसर कोशिकाएं मर जाएंगी फिर भी उनमें कुछ मजबूत है और उनमें से कुछ नहीं मरती तो इसीलिए आपके लिए महीने में दो बार एकादशी होती है। इस पर काफी अध्ययन किए जा रहे हैं और वह वहीं चीज कह रहे हैं कि अगर आप कुछ समय के लिए उपवास करते हैं तो कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं।
कैंसर की असली जड़, पेट से शुरू होते हैं 8 तरह के कैंसर
सद्गुरु के अनुसार, 14 तरह के मौजूदा कैंसर में से 8 तरह के कैंसर ऐसे होते हैं जो आपके पेट से शुरू होते हैं और पेट से शुरू होने वाले कैंसर की असली जड़ आपके द्वारा खाए गए ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जो काफी पुराने होते हैं। लोग जाने-अनजाने में ऐसी चीजों का सेवन कर रहे हैं जो महीनों पुरानी होती है।
खाने की ये पुरानी चीजें क्या हैं?
अब यहां पर हम सबका समझना ये जरूरी है कि खाने पीने की ये पुरानी चीजें कौन सी हैं। बता दें कि सद्गुरु के अनुसार, आप जो भी सब्जियां, मीट, पास्ता, ब्रेड या अन्य चीजें जो खरीद रहे हैं वास्तव में वो महीनों पुरानी होती हैं या पैकेड की जाती है। इन चीजों को नहीं खाना चाहिए।
खाने-पीने की पुराने चीजें कैसे बनती हैं कैंसर की वजह
इन खाद्य पदार्थों को इस तरह स्टोर किया जाता है कि वो महीनों खराब ना हो। यह सड़ती-गलती नहीं है लेकिन इन चीजों में जो तमस इकट्ठा हो जाता है वो कैंसर का कारण बनता है। तमस का अर्थ है जड़ता और जड़ता का अर्थ है मृत्यु। इन 8 तरह के कैंसर की खतरा कम करना है, तो ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं। खान पान में जो भी खाना है वह ताजा खाएं।