पैदा होने के बाद ज्यादातर बच्चों को क्यों हो जाता है पीलिया के शिकार
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 03:14 PM (IST)
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नारी डेस्क: बच्चों में पीलिया एक सामान्य समस्या है जो अक्सर जन्म के बाद कुछ दिनों में दिखने लगती है। हालांकि, इस बारे में घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ज्यादातर बच्चों में यह 1-2 हफ्ते में ठीक हो जाता है। अगर पीलिया ज्यादा समय तक बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। चलिए जानते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इसके कारण क्या हैं।
नवजात शिशु को पीलिया क्यों होता है?
नवजात शिशुओं में पीलिया होना आम बात है। डॉक्टर्स के अनुसार, 20 में से लगभग 16 बच्चों को पीलिया हो सकता है। यह एक प्रकार की लीवर से जुड़ी बीमारी है, जो अधिकतर बच्चों में जन्म के बाद कुछ समय तक देखी जाती है। कुछ बच्चे जन्म के समय ही पीलिया की चपेट में आ जाते हैं, जबकि दूसरों को कुछ दिनों बाद यह समस्या हो सकती है।
पीलिया कौन सी बीमारी है?
पीलिया एक लीवर से जुड़ी बीमारी है, जिसमें शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ का स्तर बढ़ जाता है। इस कारण आंखों और त्वचा का रंग पीला हो जाता है। बच्चों में यह समस्या विशेष रूप से जन्म के बाद देखी जाती है। छोटे बच्चों में यह समस्या अधिक पाई जाती है, खासकर उन बच्चों में जिनका लिवर पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है।
बच्चों में पीलिया के लक्षण
नवजात शिशुओं में पीलिया के कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं:
चेहरे और आंखों का पीला रंग
नाखूनों का पीला होना
बच्चे की पेशाब का रंग पीला होना
उल्टी और दस्त होना
100 डिग्री से ज्यादा बुखार होना
बच्चों में पीलिया होने के कारण
पीलिया की मुख्य वजह है बच्चे का अविकसित लिवर। लिवर खून से बिलीरुबिन को साफ करता है, लेकिन जब लिवर ठीक से विकसित नहीं होता है तो यह बिलीरुबिन को फिल्टर करने में समस्या होती है, जिससे पीलिया हो जाता है। प्रीमेच्योर यानी समय से पहले जन्मे बच्चों में इस समस्या का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा, अगर बच्चे को पर्याप्त मातृ दूध नहीं मिल रहा हो या खून से जुड़ी कोई बीमारी हो, तो भी पीलिया हो सकता है।
बच्चों में पीलिया का इलाज
डॉक्टर से सलाह लें: अगर बच्चे में पीलिया के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मेडिकल ट्रीटमेंट: डॉक्टर के कहने पर ही दवाएं दें और यदि जरूरत हो तो कुछ विशेष उपचार भी लिया जा सकता है।
आमतौर पर, बच्चों में पीलिया समय के साथ ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से उपचार जरूरी है।