स्क्रीन टाइम से लेकर नींद तक, ये 5 वजहें रोक रही हैं बच्चों का विकास
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 04:54 PM (IST)

नारी डेस्क: आज की तेज रफ्तार और व्यस्त लाइफस्टाइल में वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते। इसका सीधा असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। बच्चों की अच्छी ग्रोथ के लिए पोषण, नींद, फिजिकल एक्टिविटी और इमोशनल सपोर्ट बहुत ज़रूरी है। लेकिन जब माता-पिता काम में व्यस्त रहते हैं, तो बच्चों का डेली रूटीन बिगड़ सकता है। बच्चे समय पर खाना नहीं खाते, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं और शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहते हैं। साथ ही, माता-पिता से दूरी के कारण बच्चे असुरक्षा और तनाव महसूस करने लगते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से कारण बच्चों के शारीरिक विकास को प्रभावित करते हैं।
आउटडोर एक्टिविटी की कमी
बच्चों के शारीरिक विकास में खेलना-कूदना बहुत जरूरी होता है। बाहर खेलने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं, मांसपेशियां बढ़ती हैं और शरीर में लचीलापन आता है। लेकिन आजकल के बच्चे ज़्यादातर समय घर के अंदर मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर के साथ बिताते हैं। इससे उनका शारीरिक विकास प्रभावित होता है।
सलाह: बच्चों को हर दिन कम से कम 1–2 घंटे बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। इससे वे न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बनेंगे, बल्कि मानसिक रूप से भी एक्टिव रहेंगे।
नींद की कमी
अच्छी नींद बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। नींद के समय शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं जो मांसपेशियों और हड्डियों के विकास में मदद करते हैं। आजकल के बच्चे देर रात तक मोबाइल या टीवी पर व्यस्त रहते हैं, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती।
सलाह: 6 से 12 साल के बच्चों को हर दिन 9 से 12 घंटे की नींद लेनी चाहिए। सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करने की आदत डालें।
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बैलेंस डाइट की कमी
बच्चों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। डाइट में विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स होना जरूरी है। आजकल बच्चे जंक फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और मीठी चीजें ज्यादा खाते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ रुक सकती है।
सलाह: बच्चों के खाने में ताजे फल, सब्जियां, दूध, अंडा, दाल, अनाज और ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स शामिल करें। जंक फूड से दूर रखें और घर का बना खाना दें।
ओवर स्क्रीन टाइम
आज के बच्चे डिजिटल डिवाइसेज़ पर बहुत समय बिताते हैं। मोबाइल, टैबलेट, वीडियो गेम और टीवी पर घंटों लगे रहना उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे न सिर्फ उनकी आंखों पर असर पड़ता है, बल्कि फिजिकल एक्टिविटी में भी कमी आ जाती है। मोटापा और कम ऊर्जा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सलाह: बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित करें। 1 से 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम न दें और उन्हें खेलने, दौड़ने, साइकिल चलाने जैसी फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें।
इमोशनल सपोर्ट की कमी
वर्किंग पेरेंट्स के पास समय की कमी होती है और वे बच्चों को इमोशनल सपोर्ट नहीं दे पाते। इससे बच्चे मानसिक तनाव, अकेलापन और चिंता में आ सकते हैं। यह मानसिक समस्या धीरे-धीरे उनके शारीरिक विकास को भी प्रभावित करती है।
सलाह: पेरेंट्स को बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की कोशिश करनी चाहिए। हर दिन कुछ वक्त ऐसा हो जब परिवार साथ बैठे, बात करे या कोई एक्टिविटी करे। इससे बच्चों को सुरक्षा और प्यार का एहसास होगा।
बच्चों के शारीरिक विकास को बेहतर बनाने के लिए इन बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है पेरेंट्स को बच्चों की ग्रोथ और हेल्थ के लिए थोड़ा समय निकालना होगा और उन्हें एक हेल्दी रूटीन में ढालना होगा। सही देखभाल और प्यार से बच्चे न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बनेंगे, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे।