'' रक्षाबंधन पर राखी या मेहंदी लगाएं छात्रों को ना दें सजा''! NCPCR का स्कूलों को खास आग्रह

punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2023 - 11:16 AM (IST)

कई स्कूलों में बच्चों की ऑउटफिट को लेकर कई सारे कड़े rules and regulations होते हैं। जैसे वो नेल पेंट नहीं लगा सकते, छात्राएं बाल खुल नहीं छोड़ सकती, यहां तक की त्योहार में मंहेदी तक नहीं लगा सकते। बस इसी को देखते हुए  बाल अधिकारी पैनल एनसीपीआर ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों से आग्रह किया है। अपने आग्रह में एनसीपीसीआर ने कहा है कि रक्षा बंधन जैसे त्योहार के दौरान स्कूल परिसर में अंदर राखी, तिलक और मेहंदी जैसी चीजों लगाने पर छात्रों को सजा ना दी जाए। बता दें कि देश भर में ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें इस तरह के त्योहारों में शामिल होने के लिए बच्चों को परेशान किया जाता था और सजा भी दी जाती थी। ऐसे में एनसीपीसीआर द्वारा देश भर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को संबोधित करते हुए एक आधिकारिक पत्र लिखा और ये आग्रह किया है। 

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एनसीपीसीआर ने आधिकारिक पत्र में किया ये आग्रह

एनसीपीसीआर ने एक आधिकारिक पत्र में ये कहा है कि, 'पिछले कुछ सालों में आयोग ने विभन्न समाचार रिपोर्टों के माध्यम से देखा है कि त्योहारों के उत्सव के कारण बच्चों को स्कूल शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।' ये ही नहीं एनसीपीसीआर ने पत्र में आगे ये भी कहा है कि, ' यह देखा गया है कि स्कूल रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान बच्चों को राखी या तिलक या मेहंदी लगाने की इजाजत नहीं देते हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है।'

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एनसीपीसीआर ने दिया कानून का हवाला

मामले पर बात करते हुए एनसीपीसीआर ने आरटीई अधिनियम, 2009 का हवाला देते हुए कहा कि आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 17 स्कूलों में शारीरिक दंड पर रोक लगाती है। इसी बात का हवाला देते हुए एनसीपीसीआर ने कहा कि ये ध्यान दिया जा सकता है कि आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 17 तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है।

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Content Editor

Charanjeet Kaur

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