शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये खास उपाय, शनि का दुष्प्रभाव होगा दूर!

punjabkesari.in Thursday, Apr 10, 2025 - 12:54 PM (IST)

नारी डेस्क: हनुमान जयंती 2025: हनुमान जयंती हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 12 अप्रैल 2025, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा और अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है। इनकी पूजा से शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं और भक्तों को बल, वीरता, साहस और संजीवनी शक्ति प्राप्त होती है। साथ ही, जो लोग शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से गुजर रहे होते हैं, उनके लिए हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।

मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव की कुदृष्टि से बचाव होता है और शनि की अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं हनुमान जन्मोत्सव पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं-

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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के खास उपाय

हनुमान जयंती के दिन व्रत रखें: हनुमान जयंती के दिन व्रत रखें और लाल कपड़े पहनकर हनुमान मंदिर जाएं। वहां हनुमान जी को चोला अर्पित करें। इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उपाय शनि महादशा से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।

हनुमान जी को भोग अर्पित करें: हनुमान जयंती के दिन व्रत रखकर हनुमान मंदिर जाएं। वहां हनुमान जी को बूंदी और चने का भोग अर्पित करें। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ करें। यह उपाय शनि के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

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सिंदूर और तोला अर्पित करें: हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को सिंदूर, तोला और चमेली के तेल अर्पित करें। इसके साथ ही बरगद के 8 पत्तों पर सिंदूर से 'राम राम' नाम लिखें और इन पत्तों को काल धागे में पिरोकर हनुमान जी को अर्पित करें। यह उपाय शनि महादशा के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है।

नारियल का उपाय: हनुमान जयंती के दिन एक नारियल लेकर हनुमान मंदिर जाएं। नारियल को अपने ऊपर से सात बार वारकर हनुमान जी के सामने तोड़ दें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर "ॐ हं हनुमते नमः" मंत्र का 108 बार जप करें। यह उपाय हनुमान जी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है और शनि के कुप्रभाव को दूर करता है।

लौंग वाला पान और कागजी बादाम अर्पित करें: हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को लौंग वाला पान का बीड़ा अर्पित करें और उसके साथ कागजी बादाम भी अर्पित करें। इसके बाद काले रंग के कपड़े में आधे बादाम रखकर पोटली बना लें। इस पोटली को घर की दक्षिण दिशा में छिपाकर रखें। अगले दिन, यानी रविवार को, शनि मंदिर में शनिदेव के दर्शन करते हुए इस पोटली को वहां रख आएं। यह उपाय शनि के कष्ट को कम करने के लिए किया जाता है।

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इन सरल और प्रभावी उपायों को अपनाकर आप हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और शनि की ढैय्या तथा साढ़ेसाती के प्रभावों से मुक्ति पा सकते हैं।

ध्यान रखें: हनुमान जी की पूजा श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाती है। इन उपायों को नियमित रूप से करना और हनुमान जी की भक्ति में मन लगाना आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
 

  


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Priya Yadav

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