स्वस्थ और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर सजाएं

punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 12:32 PM (IST)

नारी डेस्क: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति अपने घर को एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर स्थान बनाना चाहता है। वास्तु शास्त्र, जो एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, हमें घर के निर्माण और सजावट के ऐसे सिद्धांत प्रदान करता है जो न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। सही दिशा, रंगों का चयन, और सजावट के अनुसार घर में ऊर्जा प्रवाह संतुलित रहता है। आइए जानते हैं कि कैसे वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को अपनाकर हम अपने घर को अधिक सुखद, सकारात्मक और स्वास्थ्यवर्धक बना सकते हैं।

मुख्य द्वार का वास्तु: सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेशद्वार

मुख्य द्वार घर की ऊर्जा का प्रवेशद्वार होता है, इसलिए इसे वास्तु के अनुसार सही दिशा में रखना आवश्यक है।
1. मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
2. दरवाजे को साफ-सुथरा और आकर्षक बनाए रखें। शुभ चिन्ह जैसे “स्वस्तिक” या “ॐ” लगाना सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
3. दरवाजे के पास तुलसी का पौधा या तोरण लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
4. मुख्य द्वार के सामने कोई अवरोध (पेड़, खंभा, कूड़ादान) नहीं होना चाहिए, ताकि ऊर्जा प्रवाह बाधित न हो।

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लिविंग रूम का वास्तु: घर की ऊर्जा केंद्र

लिविंग रूम घर की सबसे महत्वपूर्ण जगह होती है, जहां परिवार के सदस्य और अतिथि अधिक समय बिताते हैं।
1. इसे उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में बनाना सबसे शुभ माना जाता है।
2. हल्के रंग जैसे सफेद, हल्का हरा या हल्का नीला शांति और सकारात्मकता लाते हैं।
3. बैठने की व्यवस्था ऐसी हो कि परिवार के मुखिया का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
4. गोल या अंडाकार टेबल का उपयोग संबंधों में सौहार्द बढ़ाता है।
5.  ताजे फूल और प्राकृतिक पौधे रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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रसोई का वास्तु: सेहत और समृद्धि का प्रतीक

रसोई घर की समृद्धि और सेहत का केंद्र होता है। इसे वास्तु के अनुसार व्यवस्थित करना आवश्यक है।
1. दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में स्थित रसोई सबसे शुभ मानी जाती है।
2. खाना पकाने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
3. काले और गहरे रंगों से बचें; हल्के पीले, नारंगी और हल्के गुलाबी रंग अधिक शुभ माने जाते हैं।
4. पानी की निकासी (सिंक) और गैस चूल्हे को दूर रखें, क्योंकि अग्नि और जल का टकराव नकारात्मकता बढ़ा सकता है।

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बेडरूम का वास्तु: शांति और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण

बेडरूम में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सही दिशा और सजावट जरूरी है।
1. बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है।
2. सोते समय सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में होने चाहिए, इससे सेहत बेहतर रहती है।
3. हल्के गुलाबी, हल्का नीला या हल्का हरा रंग मानसिक शांति प्रदान करता है।
4. बेड के सामने दर्पण (मिरर) नहीं होना चाहिए, यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।
5. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बेड से दूर रखें, क्योंकि इससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

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पूजा कक्ष का वास्तु: आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत

पूजा कक्ष सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति को बढ़ाने में मदद करता है।
1. इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है।
2. पूजा स्थल को साफ-सुथरा और सादगीपूर्ण रखें।
3. मूर्तियों या तस्वीरों का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
4. पूजा कक्ष के पास भारी सामान या टॉयलेट नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा प्रवाह को बाधित करता है।

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अध्ययन कक्ष का वास्तु: एकाग्रता और सफलता का रहस्य

बच्चों की एकाग्रता और सफलता के लिए अध्ययन कक्ष की सही दिशा और रंग महत्वपूर्ण हैं।
1. अध्ययन कक्ष उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है।
2. स्टडी टेबल इस तरह रखें कि पढ़ने वाले का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो।
3. हल्के रंगों जैसे सफेद, हल्का हरा या हल्का पीला का उपयोग करें, जो एकाग्रता को बढ़ाते हैं।
4.अध्ययन कक्ष में भगवान सरस्वती या प्रेरणादायक व्यक्तियों की तस्वीरें लगाना शुभ होता है।

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बाथरूम और टॉयलेट का वास्तु: नकारात्मक ऊर्जा से बचाव

बाथरूम और टॉयलेट की सही दिशा और रखरखाव से घर में संतुलन बना रहता है।
1. इन्हें दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना उचित होता है।
2. टॉयलेट के दरवाजे को हमेशा बंद रखें और हल्के रंगों का उपयोग करें।
3. टॉयलेट सीट का मुख उत्तर-दक्षिण दिशा में होना चाहिए, पूर्व-पश्चिम में नहीं।
4.  बाथरूम में एक छोटा हरा पौधा रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।

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घर में रंगों का प्रभाव: मानसिक शांति और ऊर्जा संतुलन

रंगों का चयन घर के माहौल और ऊर्जा संतुलन को प्रभावित करता है।
1. लाल रंग ऊर्जा और उत्साह को दर्शाता है, लेकिन इसे अधिक मात्रा में उपयोग करने से बचें।
2. नीला रंग शांति और एकाग्रता को बढ़ाता है, इसलिए इसे बेडरूम और स्टडी रूम में उपयोग किया जा सकता है।
3. हरा रंग स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक है, जो घर के माहौल को सुखद और संतुलित बनाए रखता है।
4. पीला रंग सकारात्मकता और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है, इसे पूजा कक्ष और अध्ययन कक्ष में लगाया जा सकता है।
5. सफेद रंग शुद्धता और शांति का प्रतीक है, जो लिविंग रूम और बेडरूम के लिए उपयुक्त है।

वास्तु शास्त्र न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह ऊर्जा संतुलन का विज्ञान भी है। यदि घर को वास्तु के अनुसार सजाया जाए, तो यह न केवल जीवन में सकारात्मकता लाता है, बल्कि स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि को भी बढ़ावा देता है। छोटे-छोटे बदलाव, जैसे दिशाओं का सही उपयोग, सही रंगों का चयन और सही फर्नीचर व्यवस्था, आपके घर को एक सुखद और ऊर्जावान स्थान बना सकते हैं।
अपनाइए ये सरल वास्तु उपाय और अपने घर में लाएं खुशहाली, सुख-शांति और समृद्धि!

लेखिका- रक्षा सेठी  (इंटीरियर डिज़ाइनर इंदौर)


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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