21 साल में प्रेगनेंट हुई मीरा का होने वाला था मिसकैरेज, जाने क्या है मां बनने की सही उम्र

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2024 - 12:40 PM (IST)

हर किसी के नसीब में हमेशा सुख ही नहीं होता। कई बार दर्द के तकलीफ के बाद भी इंसान को खुशियां मिलती है।  शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। भले ही आज वह दो बच्चों की मां है लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उन्होंने भी बच्चे के लिए बहुत तकलीफें झेली हैं। मीरा ने अब सालों बाद अपनी  पहली प्रेग्नेंसी को लेकर ऐसी बातें बताई हे जिसकी जानकारी शायद किसी को नहीं थी।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मीरा कपूर ने 2015 में शाहिद कपूर से शादी की और 2016 में उन्होंने अपने पहले बच्चे के रूप में बेटी मीशा को जन्म दिया। 21 की उम्र में जब वह प्रेग्नेंट हुईं तो उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने  प्रखर गुप्ता के पॉडकास्ट पर खुलासा किया कि वह अपने पहले बच्चे को खोने वाली थी। वह मानती हैं कि उनकी बेटी का जन्म एक चमत्कार है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मीरा  बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के 4 महीने के बीच ही उनका गर्भाशय इतना फैल गया था कि सोनोग्राम देखने के बाद डॉक्टर भी चिंता में पड़ गए थे। मिसकैरेज से बचने के लिए उन्हें पूरी तरह से आराम करने के लिए कहा गया। शाहिद की पत्नी कहती हैं कि  यह उनके लिए सबसे बड़ा झटका था, क्योंकि वह सिर्फ़ 21 साल की थीं और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसा हो सकता है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मीरा ने बताया कि वह सोनोग्राफी के बाद वापस आईं तो डॉक्टर व शाहिद उन्हें सीरियस चेहरे से देख रहे थे। उस समय मुझे डॉक्टर ने कहा- तुम बैठ नहीं सकती, कृपया लेट जाइए। उन्होंने बताया- क्योंकि मेरा गर्भाशय पहले ही फैल चुका था और मैं चार महीने की गर्भवती थी, इसलिए उन्होंने मुझसे कहा, 'आप किसी भी समय अपना बच्चा खो सकती हैं। मीरा ने यह भी बताया कि वह ढाई महीने तक अस्पताल में भर्ती रहीं, इसे वह जीवन का सबसे कठिन समय मानती हैं।   मीरा ने बताया कि जब मीशा का जन्म हुआ, तो उनके डॉक्टर ने इसे चमत्कार बताया।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मां बनने की सही उम्र

डॉक्टर्स के मुताबिक मां बनने की सबसे अच्छी उम्र 25-35 है। जैसे-जैसे किसी महिला की उम्र बढ़ती है उनमें अंडों की गुणवत्ता भी कम होती जाती है। आपकी प्रजनन क्षमता लगभग 32 वर्ष की आयु में धीरे-धीरे कम होने लगती है।  35 से 37 वर्ष के बीच किसी भी औरत की प्रजनन क्षमता अधिक तेज़ी से कम होने लगती है। बढ़ती उम्र के साथ प्रेग्नेंट होने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 30 के बाद कई महिलाओं को उन्हें इनफर्टिलिटी का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि एक बात याद रखें कि मां बनने की सही उम्र तभी होती है जब आप और आपका पार्टनर दोनों मिलकर एक बच्चे की जिम्मेदारी उठा सकते हो। समाज के दबाव में या आसपास के लोगों की वजह से कोई भी ऐसा फैसला न लें जो आपके लिए सही न हो।

 

 प्रेगनेंसी में कुछ महिलाओं को आती है ये परेशानी

 कुछ महिलाओं को  प्रेगनेंसी के दौरान  यूट्रीन रप्चर का सामना करना पड़ता है।  यूट्रीन रप्चर होने पर ब्लीडिंग होती है, जिसकी वजह से महिलाओं की प्रेग्नेंसी में समस्याएं हो सकती है। इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल की धड़कने धीमी हो सकती है। साथ ही, ऑक्सीजन कम हो सकती है। ऐसे में भ्रूण का ब्रेन डैमेज और दम घुटने की समस्या हो सकती है। ऐसे में कई बार डॉक्टर को प्री मैच्योर डिलीवरी हो सकती है। 


यूट्रीन रप्चर के क्या होते हैं लक्षण 

-गर्भ में पलने वाले बच्चे का हार्ट रेट कम होना,
-गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर लो होना या हार्ट रेट तेज होना
-अचानक और गंभीर पेट दर्द महसूस होना
-योनि से रक्तस्राव होना

अगर आपकी डॉक्टर जानती हैं कि आपको यूट्रीन रप्चर का खतरा है, तो ऐसे में आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जा सकती है।


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Content Writer

vasudha

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