15 बार IVF फेल होने के बाद प्रेग्नेंट हुई महिला, AI की मदद से 19 साल बाद बनेगी मां
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 10:40 AM (IST)

नारी डेस्क: आज हम ऐसे कपल की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने 19 साल की लंबी उम्मीदों और 15 बार असफल IVF उपचारों के बाद भी हार नहीं मानी और अंतत AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की मदद से उन्हे खुशियां नसीब हो गई। AI ने वो काम किया जो इंसान सालों से नहीं कर पा रहा था। इन खबर ने उन सभी कपल को उम्मीद की किरण दे दी है जिनकी गोद सालों से सुनी है।
क्या थी समस्या
दरअसल यह कपल करीब 19 साल से बच्चा करने की कोशिश कर रहा था जिनमें 15 बार IVF विफल हो गया। जांच में पता चला कि पति azoospermia नामक दुर्लभ समस्या से पीड़ित है, यानी उनकी शुक्राणु संख्या लगभग न के बराबर थी। ऐसे में Columbia University Fertility Center ने STAR (Sperm Tracking and Recovery) नामक एक AI‑आधारित प्रणाली विकसित की। इसमें AI छोटे-से-छोटे छुपे हुए स्पर्म को ढूंढ निकालती है और फिर एक खास मशीन के जरिए इन स्पर्म्स को सुरक्षित तरीके से अलग किया जाता है।
पहली बार इस तकनीक का हुअस इस्तेमाल
पारंपरिक रूप से तकनीशियनों ने दो दिन तक नमूना खोजने के बावजूद कुछ नहीं पाया, लेकिन STAR ने सिर्फ 1 घंटे में लगभग 44 शुक्राणु की पहचान की, जिनमें से 3 उपयोगी पाए गए । AI‑द्वारा पहचाने गए शुक्राणुओं का इस्तेमाल IVF प्रक्रिया में किया गया। इसके बाद सफलतापूर्वक एक भ्रूण विकसित हुआ और महिला गर्भवती हो गई, पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। महिला की डिलिवरी दिसंबर 2025 में होने की उम्मीद है, और वे सामान्य गर्भधारण के दूसरे ट्राइमेस्टर में हैं

इस केस से जगी उम्मीद
इस तकनीक ने पुरानी और गंभीर पुरुष बांझपन (azoospermia) में भी उम्मीद जगाई है। AI ने पारंपरिक IVF विफलताओं के बाद नया युग शुरू किया, खासकर पुरुष बांझपन के लिए। इससेज्यादा जटिल मामलों में सहायता मॉडल तैयार करने की राह खुली अब कई ऐसे जोड़े जिन्हें वर्षों तक सफलता की उम्मीद न थी, उनके जीवन में आशा की नई रोशनी जगी है।