इस दिन मनाई जा रही है महाशिवरात्रि, शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मेहरबान होंगे भोलेनाथ
punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2023 - 05:42 PM (IST)
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास माना जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए भक्त भगवान शिव की कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि का व्रत भी रखते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि व्रत की पूजा...
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचागों के अनुसार, फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी रात 08:02 पर होगी और 19 फरवरी शाम 04:18 मिनट पर खत्म होगी।
मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है इस दिन
इस बार महाशिवरात्रि के दिन ही मासिक शिवरात्रि और शनि प्रदोष व्रत पड़ रहा है। प्रदोष व्रत के दिन भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। हर महीने दो प्रदोष व्रत मनाए जाते हैं।
कैसे करें महाशिवरात्रि की पूजा?
इस दिन भगवान शंकर की मूर्ति का पंचामृत से स्नान करवाएं। फिर एक लोटे में केसर जल डालकर चढ़ाएं। शिवरात्रि के दिन दीपक जलाएं। चंदन का तिलक भगवान शिव को लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिठाईयां, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा भी अर्पित जरुर करें। फिर केसर से बनी खीर का भोग लगाकर इसे प्रसाद के तौर पर बांटें। शिव पुराण का पाठ भी इस दिन जरुर करें।
मन की शांति के लिए करें ये उपाय
इस दिन आप भगवान शिव को तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाएं। इसके अलावा आप दूध में भांग मिलाकर भी भी शिव शंकर को अर्पित कर सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को भांग काफी पसंद है। इसके अलावा आप धतुरा, गन्ने का रस आदि चीजें भी भगवान शिव को चढ़ा सकते हैं। जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार, इससे मन की अशांति दूर होगी।
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