मन में लगातार आ रहे हैं बुरे ख्याल तो इस तरह Negative Thoughts से दूर रह सकते हैं आप

punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 06:16 PM (IST)

नारी डेस्क: हर इंसान की सोचने का तरीका अलग होता है। कुछ लोग हर परिस्थिति में सकारात्मक (Positive) सोच रखते हैं, जबकि कुछ लोग हर वक्त नकारात्मक (Negative) ख्यालों में उलझे रहते हैं। अगर आप उन लोगों में से हैं जो बार-बार नेगेटिव बातें सोचते हैं, तो आप खुद समझते होंगे कि यह आदत जीवन के हर फैसले, रिश्तों और मानसिक शांति को कैसे प्रभावित करती है।

नेगेटिव सोच क्या करती है नुकसान?

जब इंसान लगातार नेगेटिव सोच में रहता है तो उसका असर सिर्फ दिमाग पर नहीं बल्कि शारीरिक सेहत पर भी पड़ता है। इससे एंजाइटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस तेजी से बढ़ता है। रिश्तों में गलतफहमियां और दूरी पैदा होती है क्योंकि इंसान हर बात को गलत नजरिए से देखने लगता है। छोटे-छोटे फैसले लेने में भी डर लगता है और आत्मविश्वास कम हो जाता है।

कैसे पहचानें कि सोच नेगेटिव हो गई है?

अगर आप किसी बात को बार-बार सोचते हैं, छोटी बातें भी परेशान करती हैं, हमेशा बुरा होने का डर लगा रहता है और सोचकर ही दिमाग भारी लगता है तो यह संकेत हो सकते हैं कि आपकी सोच में नकारात्मकता बढ़ रही है।

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नेगेटिव सोच से कैसे बचें?

एक ही बात को बार-बार न सोचें: जब कोई बात परेशान करे तो खुद से पूछें – "क्या बार-बार सोचने से यह बात हल हो जाएगी?" अगर जवाब "नहीं" है, तो खुद को समझाएं और आगे बढ़ें।

बात करें किसी अपने से: जो बात आपको परेशान कर रही है, उसे किसी करीबी दोस्त या परिवार के सदस्य से शेयर करें। अक्सर मन की बात कह देने से मन हल्का हो जाता है और सोच साफ होती है।

सकारात्मक सोच से नकारात्मकता को काटें: जब भी नेगेटिव ख्याल आए, जबरदस्ती ही सही, कोई पॉजिटिव बात सोचें। जैसे – अपनी किसी खुशमिजाज याद को याद करें या कोई अच्छा गाना सुनें।

वो काम करें जो आपको खुशी दें: अपना ध्यान उन कामों में लगाएं, जो आपको अंदर से खुशी देते हैं – जैसे पेंटिंग, म्यूजिक, गार्डनिंग, या किसी के साथ समय बिताना। जितना ज्यादा खुश रहेंगे, उतना ही नेगेटिव ख्याल दूर रहेंगे।

सोच को कागज पर लिखे: जो बातें बार-बार दिमाग में घूमती हैं, उन्हें एक बार कागज पर लिख दें। जब वो दिमाग से बाहर निकलकर पन्ने पर आ जाती हैं, तो मन भी शांत होता है।

नेगेटिव चीजों और लोगों से दूरी बनाएं: अगर आपको लगता है कि कोई इंसान या माहौल बार-बार नेगेटिव सोच की वजह बन रहा है, तो थोड़ी दूरी बनाएं। सकारात्मक माहौल में रहना ही सबसे अच्छी दवा है।

नेगेटिव सोच कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक आदत है – जिसे समझदारी, प्रयास और खुद पर विश्वास से बदला जा सकता है। थोड़ी-थोड़ी कोशिश से आप सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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