शिव के आंसुओं से बना जलकुंड, जानिए पांडवों की अद्भुत कहानी का सच

punjabkesari.in Wednesday, Sep 25, 2024 - 04:04 PM (IST)

नारी डेस्क: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित कटासराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन स्थल है, जो महाभारत के पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर का इतिहास और इसके आसपास का तालाब, जिसे कटाक्ष कुंड कहा जाता है, न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक भी है। पुराणों के अनुसार, इस कुंड का जल भगवान शिव के आंसुओं से बना है, और यही जल चार पांडवों के लिए एक विशेष घटना का कारण बना।

कटासराज मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

कटासराज मंदिर का निर्माण महाभारत काल से ही माना जाता है। यह वह स्थान है जहां भगवान शिव और देवी सती निवास करते थे। कथानुसार, देवी सती ने अपने पिता के यज्ञ में अपमान सहन नहीं किया और आत्मदाह कर लिया। इस दुखद घटना के बाद भगवान शिव के आंसुओं से कटाक्ष कुंड का निर्माण हुआ। यह कुंड आज भी वहां मौजूद है और इसके चारों ओर भगवान शिव का भव्य मंदिर स्थित है।

PunjabKesari

महाभारत की कथा

महाभारत में पांडवों के वनवास का प्रसंग आता है। जब पांडव अपने पराजय के बाद वन में समय व्यतीत कर रहे थे, तब द्रौपदी को प्यास लगी। उन्होंने पांडवों से जल लाने का कहा। पांडवों ने कटाक्ष कुंड से जल लेने का निर्णय लिया, लेकिन उस समय कुंड पर यक्ष का अधिकार था। यक्ष ने पांडवों को प्रश्न पूछे, और बिना उत्तर दिए चारों पांडव उस जल को पी लेते हैं, जिसके कारण वे मूर्छित हो जाते हैं।

जब युधिष्ठिर, जो सबसे बड़े पांडव हैं, अपने भाइयों को खोजते हुए वहां पहुंचते हैं, तो वे उन्हें मूर्छित देखकर चिंतित हो जाते हैं। उन्होंने यक्ष के प्रश्नों का सही-सही उत्तर दिया, जिससे यक्ष प्रसन्न होकर चारों पांडवों को जीवित कर देते हैं। इसके बाद सभी पांडवों ने जल पीया और द्रौपदी के लिए भी जल लाए।

PunjabKesari

 कटासराज कुंड की महत्ता

कटासराज कुंड आज भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां भक्तजन श्रद्धा के साथ आते हैं। यह जगह न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी लोगों को आकर्षित करती है। भगवान शिव के आंसुओं से बना यह जल, भक्तों के लिए श्रद्धा का स्रोत बना हुआ है।

PunjabKesari

कटासराज मंदिर और कटाक्ष कुंड का इतिहास महाभारत की कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह स्थल न केवल पांडवों की कहानी को जीवित रखता है, बल्कि भक्तों को अपने आराध्य भगवान शिव के प्रति आस्था की भावना को भी प्रकट करता है। कटासराज मंदिर की यात्रा न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि पौराणिक कथाओं के माध्यम से हमें हमारे अतीत से भी जोड़ती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static