1919 की वो खौफनाक दोपहर, जब अंग्रेजों ने बरसाईं गोलियां – सिसक उठा हिंदुस्तान

punjabkesari.in Sunday, Apr 13, 2025 - 04:14 PM (IST)

नारी डेस्क: 13 अप्रैल का दिन भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। आज ही के दिन, 1919 में जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ था, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे काले पन्नों में से एक है। इसके अलावा, इस दिन और भी कई घटनाएं घटीं, जो इतिहास में दर्ज हो गईं।

जलियांवाला बाग नरसंहार (1919)

13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की थी। लोग उस समय रौलेट एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। शांतिपूर्वक एकत्र हुए सैकड़ों लोग ब्रिटिश सैनिकों के निशाने पर आए और गोलियों की बौछार से कई लोग मारे गए। संकरे रास्तों के कारण लोग बाहर नहीं निकल सके, और बहुतों ने डर के मारे कुएं में कूदकर जान दी। इस घटना में सैकड़ों लोगों की जान गई और यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम मोड़ बन गई।

13 अप्रैल को इतिहास में और क्या हुआ?

1960: फ्रांस ने सहारा रेगिस्तान में अपना पहला परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया और परमाणु शक्ति संपन्न चौथा देश बन गया।

1973: हिंदी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता बलराज साहनी का निधन हुआ, वे अपनी सहज अभिनय शैली के लिए प्रसिद्ध थे।

1980: अमेरिका ने मास्को में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का बहिष्कार किया।

1984: भारत ने शारजाह में पाकिस्तान को 58 रनों से हराकर पहली बार एशिया कप जीता।

1997: गोल्फ खिलाड़ी टाइगर वुड्स ने 21 साल की उम्र में यूएस मास्टर्स चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया।

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2004: वेस्ट इंडीज़ के बल्लेबाज़ ब्रायन लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 400 रन बनाकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया।

2005: भारत के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने चौथी बार विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब जीता।

2007: भारत और रूस के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे हुए।

2013: पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक बस में धमाका हुआ, जिसमें आठ लोगों की मृत्यु हुई।

2024: ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य के पास एक व्यापारी जहाज को हेलीकॉप्टर की मदद से जब्त कर लिया।

आज का दिन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रतीक है, जिसमें संघर्ष, विजय और बदलाव की कहानी शामिल है। जलियांवाला बाग नरसंहार ने भारतीयों के मन में ब्रिटिश शासन के खिलाफ गुस्से और स्वतंत्रता के प्रति एक नई जिज्ञासा को जन्म दिया।
 
 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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