जैकलीन की मां का निधन, हार्ट स्ट्रोक के कारण हुई मौत, जानें इसके शुरुआती संकेत और बचाव
punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 10:11 AM (IST)

नारी डेस्क: बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज इस समय बहुत कठिन दौर से गुजर रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मां किम फर्नांडीज का निधन 6 अप्रैल, रविवार को हो गया। किम को अचानक हार्ट स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आइए जानते हैं हार्ट स्ट्रोक के बारे में विस्तार से और कैसे इससे बचाव किया जा सकता है।
हार्ट स्ट्रोक क्या है?
हार्ट स्ट्रोक, जिसे दिल का दौरा भी कहते हैं, एक गंभीर स्थिति है जिसमें दिल में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। इस रुकावट के कारण दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे वे नुकसान पहुंचाती हैं। जब आर्टरी में ब्लॉकेज हो जाता है, तो रक्त का प्रवाह रुक जाता है और दिल की मांसपेशियां मरने लगती हैं। यह स्थिति जीवन के लिए खतरे की हो सकती है। हार्ट स्ट्रोक तब होता है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में किसी कारण से रुकावट आ जाती है। यह समस्या अचानक होती है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
हार्ट स्ट्रोक के कारण
एथेरोस्क्लेरोसिस
यह स्थिति तब होती है जब धमनियों (arteries) में फैट, कैल्शियम और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे रक्त का प्रवाह रुकने लगता है। इस जमा होने की प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। जब रक्त के प्रवाह में रुकावट होती है, तो दिल तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते, जिससे दिल की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। समय के साथ, यह स्थिति गंभीर हो सकती है और दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है।
ब्लड क्लॉट्स
धमनियों में खून के थक्के (blood clots) बनने से रक्त प्रवाह में रुकावट आ सकती है। जब शरीर में रक्त का प्रवाह बाधित होता है, तो यह हार्ट स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकता है। थक्के रक्त को दिल तक पहुंचने से रोकते हैं और इस वजह से दिल की मांसपेशियां अपनी कार्यक्षमता खो देती हैं। अगर यह स्थिति समय पर ठीक न की जाए, तो यह जीवन के लिए खतरे की स्थिति बन सकती है। इसीलिए रक्त के थक्कों को रोकने के लिए नियमित रूप से हेल्थ चेक-अप और सही लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है।
हाइपरटेंशन (High Blood Pressure)
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का असर शरीर की धमनियों पर पड़ता है। यह स्थिति धमनियों को कठोर और संकुचित बना सकती है, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है। उच्च रक्तचाप के कारण धमनियों में रक्त के थक्के (blood clots) बनने की संभावना बढ़ जाती है, जो हार्ट स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। अगर समय पर उपचार न लिया जाए, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करना और सही आहार व व्यायाम का पालन करना जरूरी है।
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स्मोकिंग (Smoking)
तंबाकू का सेवन (smoking) करने से दिल की धमनियों में रुकावट हो सकती है। जब आप सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं, तो यह आपके रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और एथेरोस्क्लेरोसिस को बढ़ावा देता है। स्मोकिंग के कारण धमनियों में फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है, जिससे रक्त का प्रवाह रुकता है और दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। यह दिल की समस्याओं और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए, तंबाकू से बचना और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल (Unhealthy Lifestyle)
यदि किसी व्यक्ति का शारीरिक गतिविधि (physical activity) कम है, तनाव (stress) अधिक है और मानसिक दबाव (mental pressure) ज्यादा है, तो यह हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है। बैठी-बैठी रहने की आदत और खानपान की गलत शैली (unhealthy eating habits) जैसे जंक फूड का सेवन, मोटापा और आलस्य इस स्थिति को और खराब कर सकते हैं। मानसिक दबाव, चिंता और तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन और उच्च रक्तचाप हो सकता है, जो हार्ट स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए, व्यायाम, सही आहार, तनाव प्रबंधन और मानसिक शांति के उपायों का पालन करना बेहद आवश्यक है।
हार्ट स्ट्रोक के संकेत
हार्ट स्ट्रोक आने से पहले कुछ संकेत होते हैं, जिन्हें पहचानना महत्वपूर्ण है
सीने में दर्द या दबाव – हार्ट स्ट्रोक से पहले सीने में दबाव या दर्द महसूस हो सकता है, जो कंधे, बाएं हाथ और बाईं तरफ के शरीर में महसूस हो सकता है।
सांस में तकलीफ – कुछ लोगों को दिल के दौरे से पहले सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
पसीना आना और चक्कर आना – शरीर में अधिक पसीना आ सकता है और व्यक्ति अचानक कमजोर महसूस कर सकता है और चक्कर खाकर गिर सकता है।
मतली और उल्टी – हार्ट स्ट्रोक से पहले उल्टी या मतली की समस्या हो सकती है।
धुंधला या कम दिखाई देना – दिल में खून की रुकावट के कारण आंखों से दिखाई देना कम हो सकता है या धुंधला दिखाई दे सकता है।
हार्ट स्ट्रोक से बचाव के उपाय
स्वस्थ आहार – सही और संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है।
नियमित व्यायाम – शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
तनाव कम करें – मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान या योग का अभ्यास करें।
धूम्रपान और शराब से बचें – तंबाकू और शराब से दूर रहें।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें – नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक कराएं और उसे नियंत्रित रखें।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
दिल का दौरा तब होता है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज हो जाती है। वे बताते हैं कि यह ब्लॉकेज फैट, कोलेस्ट्रॉल या प्लाक के जमा होने से होती है। जब खून दिल तक नहीं पहुंच पाता, तो दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस स्थिति में जितनी जल्दी इलाज मिलता है, मरीज के जीवन को बचाने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
हार्ट स्ट्रोक का इलाज
दवाइयां – इलाज में दवाइयां दी जाती हैं जो रक्त के थक्कों को टूटने से रोकती हैं।
बाईपास सर्जरी – गंभीर मामलों में बाईपास सर्जरी भी करवाई जा सकती है।
टेस्ट्स – ब्लड टेस्ट, एंजियोग्राफी, EKG और सीटी स्कैन समय-समय पर करवाएं, ताकि दिल की स्थिति का सही अनुमान लगाया जा सके।
इस जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि हार्ट स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है, लेकिन इसके संकेतों को पहचानकर समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है।