शिशु को पेट दर्द नही होने देता Gripe Water लेकिन जान लें इसके फायदे और नुकसान

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 04:34 PM (IST)

नारी डेस्क: शिशु को पेट से जुड़ी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। जब बच्चा रोता है, तो वह किसी न किसी तकलीफ में होता है, जैसे पेट दर्द, भूख लगना, कोलिक पेन, गैस की समस्या, इत्यादि। दूध पिलाने से भूख तो शांत हो सकती है, लेकिन पेट दर्द को ठीक करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ग्राइप वाटर पिलाना एक अच्छा उपाय हो सकता है। आइए जानें, ग्राइप वाटर क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल करें।

ग्राइप वाटर क्या है?

नवजात शिशु अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। इस उम्र में बच्चे रोने के जरिए ही अपनी परेशानी बताते हैं। कभी-कभी, वे ज्यादा रोते हैं, खासकर जब दांत निकल रहे होते हैं या कोलिक पेन होता है। ऐसे में, ग्राइप वाटर शिशु के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह पेट दर्द, गैस, कौलिक पेन, अपच, और हिचकी जैसी समस्याओं में राहत देता है। बाजार में कई तरह की जड़ी-बूटियों से बने ग्राइप वाटर मिलते हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर दिया जा सकता है।

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ग्राइप वाटर के फायदे

पाचन समस्याएं: यह शिशु की पाचन समस्याओं, कोलिक पेन, और गैस जैसी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।

दांत निकलने में मदद: जब बच्चों के दांत निकलने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो वे ज्यादा रोते हैं। ग्राइप वाटर इस दौरान आराम पहुंचाता है।

पेट फूलना और अपच: गैस की समस्या और पेट फूलने पर भी यह आराम पहुंचाता है।

हिचकी: शिशु को अपच के कारण हिचकियां आती हैं, और ग्राइप वाटर इससे राहत दिलाने में मदद करता है।

ग्राइप वाटर के नुकसान

ग्राइप वाटर सामान्यत: सुरक्षित होता है, लेकिन कभी-कभी इससे एलर्जी हो सकती है। एलर्जी के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। अगर शिशु में कोई ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें जैसे, खुजली, उल्टी, सांस लेने में परेशानी, होठों का सूजना।

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ग्राइप वाटर कब और कितने महीने के बच्चे को देना चाहिए?

ग्राइप वाटर का इस्तेमाल 15 दिन से ऊपर के बच्चों के लिए किया जा सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसे एक महीने से छोटे बच्चों को नहीं देना चाहिए। इसका कारण यह है कि इतनी कम उम्र में बच्चे का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता। कुछ लोग तो इसे 6 महीने तक देना उचित नहीं मानते। ग्राइप वाटर की डोज उम्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। इसलिये, शिशु को ग्राइप वाटर देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। हमेशा ग्राइप वाटर की बोतल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें। यह भी ध्यान रखें कि शिशु को खाली पेट ग्राइप वाटर नहीं देना चाहिए। बच्चे को दूध या खाना पिलाने के 10 मिनट बाद ग्राइप वाटर देना बेहतर होता है।

ग्राइप वाटर शिशु के पेट की कई समस्याओं में राहत दे सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं देना चाहिए। शिशु की उम्र, स्वास्थ्य और पाचन के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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