शिशु के सीने में जमा हो गया है कफ! ये 7 उपाय दिलाएंगे आराम

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 04:02 PM (IST)

नारी डेस्क: बदलते मौसम, प्रदूषण, बीमारियां और अनहेल्दी लाइफस्टाइल अक्सर सीने में कंजेशन (बलगम जमा होना) की समस्या पैदा कर सकते हैं। खासकर शिशुओं में यह समस्या बहुत आम है। सर्दी-जुकाम और छाती में बलगम जमना अक्सर बदलते मौसम या संक्रमण के कारण होता है। शिशुओं की इम्यूनिटी पावर (प्रतिरक्षा क्षमता) बड़ों की तुलना में बहुत कमजोर होती है क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह विकसित नहीं होता। इसलिए वे मौसम में बदलाव या हल्के संक्रमण के कारण जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।

शिशुओं में छाती में बलगम जमने की समस्या क्यों होती है?

शिशुओं की छाती में बलगम जमने से वे सांस लेने में परेशानी, बेचैनी, भूख में कमी, चिड़चिड़ापन और नींद न आने जैसी परेशानियां महसूस करते हैं। अपनी नन्ही जान को तकलीफ में देखकर माता-पिता भी बहुत चिंतित हो जाते हैं। अगर शिशु की छाती में जमा बलगम समय पर साफ न किया जाए तो इससे फेफड़ों में संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए शिशुओं की देखभाल करते समय इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

शिशु के छाती में जमा कफ कैसे निकालें?

कूल-मिस्ट ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें: यह हवा में नमी बढ़ाता है, जिससे शिशु की सांस की नली और छाती में जमा बलगम पतला होकर आसानी से बाहर निकल जाता है।

नम हवा का सेवन कराएं: नम हवा सांस की नली में मौजूद सूजन और जलन को कम करती है, जिससे कंजेशन की समस्या कम होती है।

खांसी को बढ़ावा दें: कई बार खांसी होने से बलगम निकलने में मदद मिलती है। खांसी आने पर बच्चे की मदद करें ताकि बलगम बाहर आ सके।

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स्टीम बाथ या भाप दें: बच्चे को गर्म पानी की भाप देना या स्टीम बाथ देना भी बलगम को बाहर निकालने में सहायक होता है।

मालिश करें: शिशु के माथे, कनपटी, नाक और सिर के निचले हिस्से पर हल्का गर्म तेल लगाकर मालिश करें। इससे नासिका मार्ग खुलता है और बलगम हटाने में आसानी होती है।

ऑर्गेनिक चेस्ट रब का इस्तेमाल करें: शिशु के सीने पर ऑर्गेनिक चेस्ट रब लगाने से सांस की नली खुलती है और बलगम कम होता है।

पीठ थपथपाना: बच्चे की पीठ को धीरे-धीरे थपथपाने से भी छाती में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकल सकता है।

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शिशु की छाती में कफ जमने के मुख्य कारण

वायरल संक्रमण: शिशुओं को अक्सर वायरल संक्रमण होता है, जिससे सर्दी-जुकाम होता है और बलगम जमा हो जाता है।

प्रदूषण और धूल: वातावरण में मौजूद धूल और प्रदूषक शिशुओं की नाजुक सांस की नली को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बलगम बनता है।

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एलर्जी: धूल, पालतू जानवरों के बाल या अन्य एलर्जी पैदा करने वाले कारण भी शिशुओं में कफ बनने की संभावना बढ़ा सकते हैं।

गंभीर बीमारियाँ: कभी-कभी ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों का संक्रमण भी बलगम जमने का कारण बन सकता है।

गलत दूध पिलाने की स्थिति: शिशु को दूध देते समय गलत पोश्चर होने पर दूध सांस की नली में जा सकता है, जिससे बलगम जमा हो सकता है।

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शिशु की देखभाल और सावधानियां

शिशु के सीने में बलगम जमने से बचाने के लिए उनकी स्थिति पर ध्यान रखें। यदि कंजेशन की समस्या लगातार बनी रहती है या बढ़ जाती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उचित समय पर इलाज न मिलने पर यह समस्या गंभीर हो सकती है और शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।

अगर आप अपने नन्हे बच्चे को स्वस्थ और खुश रखना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें और किसी भी असुविधा में देर न करें। शिशु की छाती में जमा कफ निकालना मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन सही उपाय अपनाने से आप अपने बच्चे को राहत जरूर दिला सकते हैं।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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