बच्चों को शहद चटाना है जहर देने समान! एक्ट्रेस Sonam Kapoor ने बताए इसके नुकसान
punjabkesari.in Saturday, Mar 09, 2024 - 01:32 PM (IST)
छोटे बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। उन्हें डाइट में खाने के लिए कुछ भी सोच- समझकर ही देना चाहिए, वरना हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। भारत में बच्चों को शहद चटाने की परंपरा है। ये एक संस्कार तो है ही, कहते हैं शहद चखने से ना सिर्फ बच्चे के शरीर को ऊर्जा मिलती है, बल्कि इम्यूनिटी भी स्ट्रांग होती है। लेकिन बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने बच्चों को शहद नहीं चटाने की सलाह ही है। जी हां, एक्ट्रेस ने खुद इसके बारे में बात करते हुए बताया है, जिसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक्ट्रेस लोगों को बोटुलिज्म नामक बीमारी के बारे में भी बता रही हैं, जो की काफी खतरनाक है। ये 12 महीने से कम के बच्चों को शहद खिलाने पर हो सकती है। वो कहती हैं कि मैं बच्चे को खाने के रूप में सेूब की प्यूरी दूंगी, न की शहद।
“had an argument with Pandit ji for feeding Honey to newly born child because i don’t believe in these traditions”, like seriously ??? Wokeism at its peak!! pic.twitter.com/fBbQ7TVGVL
— Moana (@ladynationalist) September 27, 2023
बच्चों को शहद खिलाने से होता है नुकसान
एक्सपर्ट्स ने एक्ट्रेस की बात को सपोर्ट करते हुए कहा है कि छोटे बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए। दरअसल, शहद में क्लोस्ट्रीडियम नामक बैक्टीरिया होता है, जो 12 महीने से कम उम्र के बच्चे की आंतों में जाकर जहर का काम करता है। यही नहीं, WHO ने माता-पिता को चेतावनी दी है कि वे 1 साल की आयु से पहले शिशुओं को शहद न खिलाएं।
क्या होता है बोटुलिज्म
बोटुलिज्म खाद्य पदार्थों से होने वाला विषैलापन है। ये एक गंभीर बीमारी है, जिससे शरीर की मसल्स प्रभावित होती हैं। बोटुलिज्म भी कई प्रकार के होते हैं जैसे - इन्फेंट बोटुलिज़्म, फूड बोर्न बोटुलिज्म, फूड वाउंड बोटुलिज़्म। एक्ट्रेस का कहना है कि बोटुलिज्म तब होता है जब बच्चे मिट्टी या शहद जैसे दूषित चीजें खिलाते हैं। वो कहती हैं कि इसमें क्लोस्ट्रीडियम होता है जो बच्चों के लिए जानलेवा है। बता दें क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम एक तरह का बैक्टीरिया है, जो कम ऑक्सीजन होने पर खतरनाक जहरीले पदार्थ पैदा करता है।
बच्चों को शहद खिलाने से होते हैं ये नुकसान
- अनफिल्टर्ड और अनप्रोसेस्ड शहद खाने से दिमाग में भी टॉक्सिसिटी होती है, जो मसल परैलिसस का कारण बन सकते हैं।
- इससे बच्चों को बल्बर पैरालिसिस भी हो सकता है, जो उनके मौत का कारण भी बन सकता है। इसकी शुरुआत कमजोरी, सुस्ती, कब्ज से होती है और ध्यान न देने पर बच्चे की जान भी जा सकती है।