Heatwave और UV Rays से बच्चों को बचाएं, अपनाएं ये 5 जरूरी सुरक्षा उपाय
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 05:21 PM (IST)

नारी डेस्क: देशभर में गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। एक तरफ जहां यह मौसम बच्चों के लिए मस्ती, खेलकूद और स्कूल की छुट्टियों का समय होता है, वहीं दूसरी तरफ यह मौसम हीटवेव (लू) और अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों जैसी खतरनाक समस्याएं भी लेकर आता है। अगर इस मौसम में बच्चों की सेहत पर ध्यान न दिया जाए तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। आइए जानते हैं कि हीटवेव और यूवी रेज बच्चों को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं और किस तरह से हम उन्हें इनसे बचा सकते हैं।
हीटवेव और यूवी रेज बच्चों के लिए खतरनाक क्यों होती हैं?
गर्मियों के दौरान तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जब बच्चे इस गर्मी में ज्यादा देर बाहर रहते हैं, तो उनका शरीर हीटवेव और यूवी रेज के संपर्क में आ जाता है। बच्चों का इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की ताकत बड़ों की तुलना में कमजोर होती है। इसलिए जब उनका शरीर ज्यादा तापमान झेलता है, तो उन्हें बीमारियों का खतरा जल्दी हो जाता है।
बच्चों को सनबर्न और स्किन रैशेज की समस्या
बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है।
जब वो तेज धूप और यूवी रेज के सीधे संपर्क में आते हैं, तो उनकी त्वचा पर जलन, रैशेज, और घमौरियां होने लगती हैं। अगर बच्चा बिना सनस्क्रीन या किसी सुरक्षा के बाहर खेलता है, तो उसे सनबर्न हो सकता है। लंबे समय तक यूवी रेज के संपर्क में आने से आगे चलकर स्किन कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
हीट स्ट्रोक – सबसे गंभीर स्थिति
दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच का समय सबसे ज्यादा गर्म होता है। अगर इस समय बच्चे बाहर खेलते हैं, तो उन्हें हीट स्ट्रोक हो सकता है। हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है। इस स्थिति में बच्चे को तेज बुखार, सिर चकराना, उल्टी आना, बेहोशी या भ्रम जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
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डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी
गर्मियों में बच्चे जब खेलते हैं, तो पसीना बहुत निकलता है और वो पानी पीना भूल जाते हैं।
इससे शरीर में पानी और जरूरी मिनरल्स की कमी हो जाती है, जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं। डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों को कमजोरी महसूस हो सकती है, सिरदर्द और चक्कर भी आ सकते हैं। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
बच्चों को हीटवेव और यूवी रेज से कैसे बचाएं?
दोपहर में बाहर खेलने से रोकें: दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का समय सबसे गर्म होता है। इस समय बच्चों को बाहर खेलने या धूप में जाने से बचाना चाहिए।
बार-बार पानी पिलाएं: बच्चे खेलते वक्त पानी पीना भूल जाते हैं, इसलिए पेरेंट्स को खुद ध्यान रखना होगा कि वो समय-समय पर पानी पिएं। नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स बच्चों को गर्मी से राहत देने में मदद करते हैं।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें: बच्चों को बाहर भेजने से पहले उनकी त्वचा पर कम से कम SPF 50 वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं। यह सनस्क्रीन उन्हें यूवी किरणों से बचाने में मदद करता है और त्वचा को सुरक्षित रखता है।
सही कपड़े पहनाएं: बच्चों को हल्के रंग के सूती कपड़े पहनाएं, ताकि गर्मी कम लगे। साथ ही चौड़ी किनारी वाली टोपी और UV प्रोटेक्टेड चश्मा भी पहनना जरूरी है।
थोड़ी सी समझदारी और सावधानी अपनाकर हम बच्चों को हीटवेव और यूवी रेज के खतरों से बचा सकते हैं, ताकि वो अपनी गर्मी की छुट्टियों को सुरक्षित और मजेदार तरीके से बिता सकें।