दादी-नानी के ये 5 घरेलू नुस्खे बिगाड़ सकते है बच्चे की सेहत, डॉक्टर भी दे चुके हैं चेतावनी
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 04:08 PM (IST)

नारी डेस्क: गर्मियों का मौसम आते ही बच्चों की सेहत को लेकर घरों में दादी-नानी के पुराने घरेलू नुस्खे फिर से चर्चा में आ जाते हैं। ये नुस्खे पीढ़ियों से इस्तेमाल होते आए हैं और हर घर में इनकी अलग-अलग कहानियां होती हैं। कई बार ये नुस्खे बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद भी साबित होते हैं लेकिन आज के दौर में मौसम, खानपान और बच्चों की बॉडी का नेचर पहले जैसा नहीं रहा। इसलिए कुछ पुराने नुस्खे अब उतने असरदार नहीं रह गए, बल्कि कुछ तो नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
हरदोई की बच्ची का मामला: जब घरेलू नुस्खा नुकसानदायक साबित हुआ
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की रहने वाली 6 साल की रिद्धि चावला को गर्मी में उसकी दादी ने रोज सौंफ-अजवाइन का पानी देना शुरू किया। शुरू में सब ठीक था, लेकिन कुछ ही दिनों में रिद्धि को बार-बार पेशाब आने लगा और शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) की समस्या हो गई। जब डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने बताया कि जरूरत से ज्यादा ठंडक देने वाले तत्व भी शरीर का संतुलन बिगाड़ सकते हैं। यह एक उदाहरण है कि बिना सलाह लिए हर नुस्खा रोज़ाना अपनाना सही नहीं होता। आइए अब जानते हैं ऐसे कुछ आम घरेलू नुस्खों के बारे में जो गर्मियों में बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।
गर्मियों में सरसों के तेल से रोज मालिश करना
दादी-नानी अक्सर सरसों के तेल से बच्चों की मालिश करने की सलाह देती हैं। लेकिन गर्मियों के मौसम में सरसों का तेल त्वचा को गरम कर देता है। अगर बच्चा बहुत पसीना बहाता है, तो उसकी त्वचा और भी ज्यादा संवेदनशील (Sensitive) हो जाती है। रोजाना सरसों के तेल से मालिश करने पर उसे रैशेज, फोड़े या जलन की समस्या हो सकती है।
क्या सावधानी रखें: गर्मियों में सुबह के समय हल्के हाथों से मालिश करें। नारियल तेल (Coconut Oil) या एलोवेरा ऑयल बेहतर विकल्प होते हैं। हैवी ऑयल्स जैसे सरसों का तेल रोजाना इस्तेमाल न करें।
बच्चों को हर दिन काढ़ा पिलाना
काढ़ा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है। पर गर्मी के मौसम में बच्चों को रोज़ काढ़ा देना उनके शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है। इससे बच्चों को उल्टी, जी मिचलाना, सिरदर्द या डिहाइड्रेशन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
क्या सावधानी रखें: बच्चों को हफ्ते में सिर्फ 1-2 बार तुलसी वाला पानी दे सकते हैं। काढ़े में नीम, काली मिर्च और अदरक जैसे गर्म चीजें न डालें। अगर काढ़ा देना हो तो बहुत हल्का और कम मात्रा में दें।
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धूप से लौटते ही दही-चीनी देना
कई घरों में परंपरा है कि जब बच्चा धूप से घर लौटे, तो उसे ठंडी दही में चीनी डालकर खिला दी जाती है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है, ऐसा माना जाता है। लेकिन अचानक ठंडी चीज खाने से बच्चों को सर्दी, खांसी और गला खराब होने की दिक्कत हो सकती है।
क्या सावधानी रखें: जब बच्चा बाहर से आए, तो पहले उसे 20-30 मिनट तक आराम करने दें। फिर कमरे के तापमान पर रखा हुआ दही दें। अगर दही मीठा करना हो तो उसमें चीनी की जगह एक चम्मच ताजा शहद डाल सकते हैं।
बच्चों को रोज सौंफ या अजवाइन का पानी देना
सौंफ और अजवाइन पेट की सफाई और पाचन के लिए अच्छी मानी जाती हैं। इसलिए दादी-नानी अक्सर बच्चों को इनका पानी देती हैं। लेकिन गर्मियों में रोजाना ये पानी देना बच्चों के शरीर को ज़रूरत से ज़्यादा ठंडा कर सकता है, जिससे बार-बार पेशाब आना और डिहाइड्रेशन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। अगर बच्चा पहले से कमजोर है तो यह और भी नुकसानदेह हो सकता है।
क्या सावधानी रखें: बच्चों को हफ्ते में 2-3 बार से ज़्यादा सौंफ या अजवाइन का पानी न दें। जब बच्चा कुछ हैवी या तली-भुनी चीजें खा ले, तभी यह पानी देने की ज़रूरत होती है।
खाली पेट तुलसी के पत्ते देना
बहुत से घरों में परंपरा है कि बच्चों को सुबह-सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते खिलाए जाते हैं। मेरी मां भी मुझे बचपन में तुलसी के पत्ते देती थीं। तुलसी के पत्ते औषधीय होते हैं, लेकिन इनकी तासीर गर्म होती है। खाली पेट इनका सेवन करने से गर्मियों में पेट की जलन और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
क्या सावधानी रखें: तुलसी का सेवन सीधा पत्तों के रूप में करने की बजाय हल्के तुलसी पानी या हल्के काढ़े में किया जाए। हफ्ते में 2-3 बार से ज़्यादा न दें और वह भी भोजन के बाद या साथ में ही दें।
ध्यान रखें: हर नुस्खा हर मौसम में सही नहीं होता
बच्चों का शरीर बहुत नाजुक होता है। मौसम में थोड़ी-सी भी तब्दीली उन पर तुरंत असर डाल सकती है। इसलिए पारंपरिक नुस्खों को अपनाने से पहले सोचना जरूरी है। हर नुस्खा हर मौसम या हर बच्चे पर लागू नहीं होता। बच्चों की सेहत से जुड़ा कोई भी घरेलू उपाय आजमाने से पहले डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
पुराने नुस्खों को आज के समय और बच्चों की बॉडी के अनुसार ही अपनाएं। सही जानकारी और सावधानी के साथ घरेलू नुस्खे ही असली फायदेमंद साबित होते हैं।