माता-पिता की एक गलती से टूटा बच्ची का टूटा, डॉक्टर बोले- ऐसा करना पड़ सकता है भारी

punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 04:07 PM (IST)

नारी डेस्क: छोटे बच्चों की देखभाल बहुत ही जिम्मेदारी भरा काम होता है। इस उम्र में बच्चों की हड्डियां और इम्युनिटी बहुत नाज़ुक होती हैं। ऐसे में उन्हें गोद में उठाने या दूध पिलाने जैसे काम भी बहुत ध्यान से करने चाहिए। अगर ज़रा सी भी लापरवाही हो जाए तो वह बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें माता-पिता की एक छोटी सी गलती की वजह से एक बच्ची का हाथ टूट गया।

डॉक्टर पवन मंडाविया ने बताया क्या हुआ बच्ची के साथ

चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर पवन मंडाविया ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में उन्होंने एक बच्ची का केस बताया, जिसे गोद में गलत तरीके से उठाने की वजह से चोट लग गई थी। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को उसके सीधे हाथ से खींचकर उठाया गया था जिसकी वजह से उसकी कोहनी (एल्बो) की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Dr Pawan Mandaviya (@drpawan_clinic)

डॉ. पवन मंडाविया ने बताया कि बच्चों को उठाते समय अगर उन्हें कंधे से सहारा न दिया जाए, और सीधे हाथ या कलाई पकड़कर खींचा जाए, तो उनके एल्बो जॉइंट के डिसलोकेट होने का खतरा रहता है। यह स्थिति बहुत दर्दनाक हो सकती है और कई बार फ्रैक्चर की भी नौबत आ सकती है, जैसा कि इस बच्ची के साथ हुआ।

बच्चों को कैसे उठाएं? जानिए सही तरीका

डॉ. मंडाविया सलाह देते हैं कि जब भी माता-पिता अपने छोटे बच्चे को गोद में उठाएं, तो कभी भी हाथ या कलाई से पकड़कर न उठाएं। हमेशा बच्चे के कंधे या बगल के नीचे से सहारा देते हुए उसे धीरे-धीरे उठाएं। इससे हड्डियों पर ज़ोर नहीं पड़ेगा और बच्चा सुरक्षित रहेगा।

ये भी पढ़े: बच्चों में मोटापे का कराण बनती हैं पेरेंट्स की ये 5 गलतियां, समय रहते हो जाएं सतर्क

7 महीने का बच्चा क्यों नहीं बैठता? जानिए कारण

एक अन्य वीडियो में डॉक्टर पवन मंडाविया ने एक आम सवाल का जवाब दिया। एक महिला ने पूछा कि उसका बच्चा 7 महीने का हो चुका है लेकिन अभी तक बैठ नहीं पाता। क्या यह सामान्य है? डॉ. मंडाविया ने बताया कि बच्चे को बैठने के लिए उसकी पीठ की मांसपेशियों (बैक मसल्स) का मजबूत होना ज़रूरी है। अगर पीठ कमजोर है, तो बच्चा खुद से बैठ नहीं पाएगा।

PunjabKesari

कैसे पता करें कि बच्चा बैठने के लिए तैयार है?

डॉक्टर ने एक आसान तरीका बताया जिससे माता-पिता जान सकते हैं कि उनका बच्चा बैठने के लिए तैयार है या नहीं। बच्चे को पीठ के बल लिटाएं, फिर धीरे-धीरे उसके दोनों हाथ पकड़कर उसे ऊपर उठाने की कोशिश करें। अगर बच्चा खुद से थोड़ा ऊपर आने लगे, तो समझिए कि वह बैठने के लिए तैयार है। अगर वह ऊपर नहीं आ पा रहा है, तो उसकी पीठ की मांसपेशियां अभी कमजोर हैं।

बैक मसल्स मजबूत करने के लिए दें टमी टाइम

अगर बच्चा ऊपर नहीं उठ पा रहा है, तो आप उसे टमी टाइम देना शुरू करें। टमी टाइम का मतलब है बच्चे को दिन में कुछ समय पेट के बल लिटाना। इससे उसकी गर्दन, कंधे और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जो आगे चलकर बैठने और चलने में मदद करती हैं।

छोटे बच्चों को संभालना जितना प्यारा लगता है, उतना ही ज़िम्मेदारी भरा भी होता है। माता-पिता को चाहिए कि वे हर कदम बहुत सोच-समझकर उठाएं, खासतौर पर जब बच्चे को गोद में लें या बैठने की प्रैक्टिस कराएं। सही देखभाल से न सिर्फ बच्चे की ग्रोथ बेहतर होगी, बल्कि उसे किसी भी तरह की चोट से भी बचाया जा सकेगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static