इस बीमारी से 30 लाख से ज्यादा बच्चों की हुई मौत, एंटीबायोटिक दवा भी इस पर है बेअसर

punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 11:07 AM (IST)

नारी डेस्क:  एक नए ऐतिहासिक अध्ययन से पता चला है कि 2022 में दुनिया भर में तीन मिलियन से अधिक बच्चों ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) से संबंधित संक्रमणों के कारण अपनी जान गंवा दी है। अध्ययन के आंकड़ों से पता चला है कि अकेले 2022 में दक्षिण पूर्व एशिया में 752,000 से अधिक बच्चे और अफ्रीका में 659,000 बच्चे मर गए। इन बच्चों को मुख्य रूप से इंफेक्शन से संबंधित बीमारियां लगी थी लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं ने काम करना बंद कर दिया जिसके कारण इतने सारे बच्चों की मौत हो गई।


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कोविड के बाद बदले हालात

एएमआर बच्चों के लिए एक गंभीर खतरा है, जो संक्रमणों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। उत्पाद विकास में देरी के कारण बच्चों के लिए नए एंटीबायोटिक फॉर्मूलेशन तक पहुंच अक्सर बहुत सीमित होती है। अध्ययन के आंकड़ों से पता चला है कि इनमें से कई मौतें वॉच एंटीबायोटिक्स (प्रतिरोध के उच्च जोखिम वाली दवाएं) और रिज़र्व एंटीबायोटिक्स (गंभीर, बहु-दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के लिए अंतिम उपाय) के उपयोग से जुड़ी थीं।  विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले केवल तीन वर्षों में बच्चों में एंटीमायक्रोबियल रेजिस्टेंस से जुड़े संक्रमणों में दस गुना से अधिक वृद्धि हुई है, कोविड महामारी के प्रभाव ने इस स्थिति को और भी बदतर बना दिया हो सकता है
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AMR बच्चों के लिए कितना बड़ा खतरा है?

रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) का मतलब होता है- जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी जैसे सूक्ष्म जीव दवाओं के प्रति प्रतिरोधी  हो जाते हैं। यानी, दवाएं उन्हें मारने में असफल हो जाती हैं। यह स्थिति बच्चों के लिए खासतौर पर खतरनाक  हो सकती है, क्योंकि उनका प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता। WHO के अनुसार, यदि AMR को नियंत्रित नहीं किया गया तो 2050 तक हर साल 1 करोड़ लोगों की मृत्यु हो सकती है, जिनमें एक बड़ा हिस्सा बच्चे होंगे।

 

बच्चों के लिए AMR क्यों है खतरनाक?

छोटे बच्चों को अक्सर सर्दी, खांसी, डायरिया, कान का संक्रमण आदि होते हैं। अगर आम एंटीबायोटिक काम न करें, तो इलाज मुश्किल हो जाता है। जब हल्की दवाएं असर नहीं करतीं, तो डॉक्टरों को ज्यादा मजबूत और साइड-इफेक्ट वाली दवाएं देनी पड़ती हैं,  जो बच्चों के शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं एक आम संक्रमण अगर दवा से न ठीक हो, तो बच्चे को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है, इससे परिवार पर भावनात्मक और आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। जन्म के बाद अगर नवजात को इन्फेक्शन हो और दवाएं असर न करें, तो सेप्सिस (रक्त संक्रमण) जैसी जानलेवा स्थिति बन सकती है।
 

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 AMR के कारण क्या हैं?

-बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक देना।
-दवा का पूरा कोर्स पूरा न करना
-पशुओं में दवाओं का अत्यधिक उपयोग (दूध/मांस के जरिए इंसान तक पहुंचता है)  
-गंदा पानी और खराब स्वच्छता व्यवस्था।  
-गलत डायग्नोसिस और ओवर-प्रेस्क्रिप्शन। 

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एंटीबायोटिक्स का क्यों नहीं हो रहा असर


 इसके विपरीत, एक्सेस एंटीबायोटिक्स वे हैं जो अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध हैं और प्रतिरोध बढ़ाने की उनकी कम क्षमता के कारण आम संक्रमणों के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। 2019 और 2021 के बीच, वॉच एंटीबायोटिक्स का उपयोग दक्षिण पूर्व एशिया में 160 प्रतिशत और अफ्रीका में 126 प्रतिशत बढ़ा। । वैश्विक स्तर पर, 3 मिलियन से अधिक बच्चों की मृत्यु में से 2 मिलियन वॉच और रिजर्व एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से जुड़ी थीं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एएमआर की गंभीरता में कई कारक योगदान करते हैं, जिसमें भीड़भाड़ वाले अस्पताल, खराब स्वच्छता और कमजोर संक्रमण रोकथाम उपाय शामिल हैं जो स्वास्थ्य सेवा सेटिंग्स और समुदायों के भीतर प्रतिरोधी रोगजनकों के प्रसार को सुविधाजनक बनाते हैं।


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Content Writer

vasudha

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