किसने छिन ली Youth की खुशियां ? पहले की तुलना में रहते हैं ज्यादा उदास

punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 11:33 AM (IST)

नारी डेस्क:  भले ही आज के समय में तकनीक, सुविधाएं और विकल्प पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गए हैं, लेकिन फिर भी आज का युवा अक्सर तनाव, चिंता और असंतोष में घिरा रहता है।  एक नए अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में 18 से 29 वर्ष की आयु के युवा वयस्क न केवल खुशी के साथ, बल्कि अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ भी संघर्ष कर रहे हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन से पता चला है कि युवा वयस्क अपने स्वयं के चरित्र की धारणाओं, जीवन में अर्थ खोजने, अपने रिश्तों की गुणवत्ता और अपनी वित्तीय सुरक्षा के साथ संघर्ष कर रहे हैं। 
 

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इन देशों में हालात हैं ज्यादा खराब

 2023 में गैलप द्वारा एकत्र किए गए डेटा को 20 से अधिक देशों में 200,000 से अधिक लोगों के स्व-रिपोर्ट किए गए सर्वेक्षणों से प्राप्त किया गया था और नेचर मेंटल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। अध्ययन के प्रमुख लेखक टायलर जे. वेंडरवील ने कहा- "यह एक बहुत ही स्पष्ट तस्वीर है। निष्कर्ष एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाते हैं: "क्या हम युवाओं की भलाई में पर्याप्त निवेश कर रहे हैं?" यू.के., ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में यह स्थिति समान पाई गई। लेकिन युवा और वृद्ध वयस्कों के बीच अंतर यू.एस. में सबसे अधिक था, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शोधकर्ताओं का हवाला देते हुए रिपोर्ट की। "
 

सामाज से दूर होते जा रहे हैं युवा

" द टाइम्स ने अध्ययन के बारे में अपनी रिपोर्ट में कहा- " अध्ययन से पता चलता है कि सामाजिक संबंध खुशी के लिए महत्वपूर्ण है, और युवा लोग एक दशक पहले की तुलना में दोस्तों के साथ कम समय बिता रहे हैं "इसके अलावा, सभी उम्र के लोगों की तरह, युवा लोग जलवायु से लेकर अर्थव्यवस्था और राजनीतिक ध्रुवीकरण तक, वैश्विक मुद्दों की एक पूरी श्रृंखला का सामना कर रहे हैं," । युवा हमेशा "कुछ बड़ा करने" की दौड़ में लगे रहते हैं, जिससे मानसिक शांति नहीं मिलती।


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करियर और भविष्य को लेकर अनिश्चितता


जॉब सिक्योरिटी, आर्थिक दबाव और अस्थिरता युवाओं को अंदर से कमजोर बना रही है।उन्हें लगता है कि वे पीछे छूट रहे हैं। वहीं डिप्रेशन, एंग्जायटी को आज भी समाज में गंभीरता से नहीं लिया जाता। युवा अक्सर खुद को अकेला और misunderstood महसूस करते हैं। लगातार मोबाइल, लैपटॉप और इंटरनेट से जुड़ाव से दिमाग को आराम नहीं मिलता और इससे नींद की कमी, थकावट और दिमागी थकान होने लगती है। 


 समाधान क्या हो सकते हैं?

-रोज़ाना कुछ समय डिजिटल डिटॉक्स करें।
-ध्यान, योग या वॉक जैसी गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करें।
- परिवार और दोस्तों से दिल से जुड़ें, सिर्फ ऑनलाइन नहीं।
- अपने लक्ष्य को लेकर संयम और धैर्य रखें, तुलना न करें।
-मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें जरूरत हो तो काउंसलर से मदद लें।


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vasudha

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