Blood Cancer होने से पहले दिखते हैं ये लक्षण, इन लोगों को रहता है सबसे ज्यादा खतरा

punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 11:18 AM (IST)

नारी डेस्क: ब्लड कैंसर यानी रक्त कैंसर, एक गंभीर बीमारी है जो हमारे शरीर की ब्लड सेल्स (रक्त कोशिकाओं) को प्रभावित करती है। यह कैंसर बोन मैरो (अस्थि मज्जा) और लिम्फ सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकता है। भारत में ब्लड कैंसर के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंता की बात ये है कि अधिकतर मामलों में इसकी पहचान बहुत देर से होती है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों को जानना और समझना बेहद जरूरी है, ताकि समय पर इलाज शुरू किया जा सके।

ब्लड सेल्स क्या होती हैं?

हमारे शरीर में तीन प्रकार की ब्लड सेल्स होती हैं

रेड ब्लड सेल्स (RBC) – यह शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती हैं।
वाइट ब्लड सेल्स (WBC) – यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं और शरीर को बीमारियों से बचाती हैं।
प्लेटलेट्स – यह खून का थक्का जमाने का काम करती हैं जिससे ब्लीडिंग कंट्रोल होती है।
ये सभी कोशिकाएं हमारी हड्डियों के अंदर मौजूद बोन मैरो में बनती हैं। लेकिन जब बोन मैरो में किसी कारण से गलत या खराब कोशिकाएं बनने लगती हैं, तो वह धीरे-धीरे कैंसर में बदल सकती हैं। यही स्थिति ब्लड कैंसर कहलाती है।

ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण

हर वक्त थकान या कमजोरी महसूस होना: जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम हो जाती हैं, तो शरीर को ऑक्सीजन कम मिलती है। इससे व्यक्ति बिना किसी मेहनत के भी बहुत थका-थका महसूस करता है।

बार-बार बुखार या इंफेक्शन होना: ब्लड कैंसर शरीर की इम्यून पावर को कमज़ोर कर देता है। इस वजह से बार-बार बुखार, सर्दी-जुकाम या कोई और इंफेक्शन हो सकता है। छोटी चोटें भी जल्दी ठीक नहीं होतीं।

शरीर पर नीले या लाल निशान पड़ना: अगर शरीर पर बिना चोट के भी नीले या लाल निशान (ब्रूज़िंग) दिखने लगें, तो यह वाइट ब्लड सेल्स या प्लेटलेट्स की कमी का संकेत हो सकता है।

नाक या मसूड़ों से बार-बार खून आना: जब प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है, तो खून का थक्का नहीं बन पाता। इससे नाक, मसूड़ों या कभी-कभी पेशाब और मल के साथ भी खून आ सकता है।

PunjabKesari

वजन तेजी से कम होना और भूख में कमी: जब शरीर अंदर ही अंदर किसी बड़ी बीमारी से लड़ रहा होता है, तो भूख लगनी बंद हो जाती है और वजन भी बिना कोशिश के ही घटने लगता है।

हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द रहना: ब्लड कैंसर हड्डियों के अंदर की बोन मैरो को प्रभावित करता है, जिससे हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द रह सकता है।

गर्दन, बगल या पेट में गांठ या सूजन होना: अगर गर्दन, बगल या पेट में सूजन या कोई गांठ महसूस हो रही हो, तो यह लिम्फ नोड्स की सूजन हो सकती है, जो ल्यूकेमिया या लिंफोमा का संकेत है।

ये भी पढ़े: किस बीमारी के चलते होता है मल्टी ऑर्गन फेलियर? जाने यहां

किन लोगों को ब्लड कैंसर का खतरा ज्यादा होता है?

जिनके परिवार में पहले किसी को ब्लड कैंसर रहा हो
अगर परिवार में किसी सदस्य को ब्लड कैंसर हो चुका है, तो जेनेटिक कारणों से खतरा बढ़ सकता है।

जो रेडिएशन या खतरनाक केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं
फैक्ट्री वर्कर्स, पेंट्स, कीटनाशक या बेंजीन जैसे केमिकल्स के साथ लंबे समय तक काम करने वाले लोग ज्यादा खतरे में रहते हैं।

जिन्हें पहले कोई ऑटोइम्यून बीमारी रही हो
जैसे रुमेटाइड आर्थराइटिस, HIV/AIDS जैसी बीमारियां इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती हैं, जिससे ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

PunjabKesari

स्मोकिंग करने वाले
धूम्रपान यानी स्मोकिंग से भी रक्त कोशिकाएं प्रभावित होती हैं और ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

ब्लड कैंसर से बचाव कैसे करें?

हालांकि ब्लड कैंसर को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं
नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराएं
केमिकल्स के साथ काम करते समय सुरक्षा उपकरण पहनें
परिवार में कोई केस हो तो डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवाएं

ब्लड कैंसर एक जानलेवा बीमारी हो सकती है, लेकिन अगर इसके शुरुआती लक्षणों को समय पर पहचाना जाए, तो इलाज काफी हद तक सफल हो सकता है। अगर आपको या आपके किसी करीबी को इन लक्षणों में से कोई भी लगातार महसूस हो रहा है, तो देर न करें  तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static