बच्चे को जन्म देने से क्या घट जाती है मां की उम्र? रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 06:34 PM (IST)
नारी डेस्क : हर महिला के जीवन का सबसे खास और खूबसूरत पल होता है जब वह एक बच्चे को जन्म देती है और उसकी परवरिश करती है। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद अक्सर महिलाएं खुद को पीछे छोड़ देती हैं और अपने स्वास्थ्य और देखभाल पर ध्यान नहीं दे पातीं। फिर भी, अपने लिए थोड़ा समय निकालकर सजना-संवरना जारी रखती हैं। पर हाल ही में सामने आए शोध ने एक चौंकाने वाला दावा किया है: “बच्चे को जन्म देने के बाद मां की उम्र घट सकती है।” यह सुनकर कोई भी हैरान रह जाए। रिसर्च ने इस विषय पर कई रोचक और हैरान कर देने वाले तथ्य उजागर किए हैं। आइए जानते हैं कि यह दावा कितना सच है और विज्ञान इसके बारे में क्या कहता है।
क्या वाकई उम्र घटती है?
आपने शायद कहीं सुना हो कि बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं की उम्र कम हो जाती है। यह बात अजीब लग सकती है, लेकिन कुछ रिकॉर्ड बताते हैं कि कठिन परिस्थितियों में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की अनुमानित उम्र लगभग छह महीने तक कम हो सकती है। यानी उनकी ‘लाइफ एक्सपेक्टेंसी’ घटती है। सबसे ज्यादा असर उन महिलाओं में देखा गया जो बेहद कठिन हालात जैसे अकाल, गरीबी, खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच मां बनी हों।

रिसर्च में क्या सामने आया?
रिसर्च में जो नतीजे सामने आए, वे हैरान करने वाले थे। मानव विकास पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने 1866–1868 के ग्रेट फिनलैंड फ़ैमिन के समय की 4,684 महिलाओं के रिकॉर्ड का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं डॉ. युआन यांग, प्रो. हन्ना डगडेल, प्रो. विर्पी लूमा और डॉ. एरिक पोस्टमा ने पाया कि अकाल के दौरान बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की अनुमानित उम्र हर बच्चे के साथ लगभग छह महीने कम होती चली गई। वहीं अकाल से पहले या बाद में मां बनने वाली महिलाओं में ऐसा कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला। यह साफ बताता है कि उस समय जैसी कठिन परिस्थितियाँ और खराब माहौल, महिला के स्वास्थ्य, ताकत और उम्र पर गहरा असर डालते थे।
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एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि जब हालात बेहद खराब हों जैसे अकाल, कुपोषण या अत्यधिक तनाव तो महिलाओं का शरीर गर्भधारण और बच्चे को जन्म देने में अपनी अधिकांश ऊर्जा खर्च कर देता है। इससे शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत, सुरक्षा और पुनर्निर्माण की क्षमता कमज़ोर पड़ जाती है, जिसके कारण बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और लंबी उम्र की संभावना भी घट सकती है। डॉ. यांग बताते हैं कि उम्र में कमी जैसा प्रभाव केवल उन महिलाओं में देखा गया, जो अकाल के दौरान प्रजनन आयु में थीं। यह साफ संकेत देता है कि पर्यावरण और परिस्थितियां मां बनने वाली महिलाओं के शरीर और उम्र पर गहरा असर डालती हैं।

क्या मां बनने का प्रभाव उम्र पर हमेशा पड़ता है?
आज की परिस्थितियां पहले से काफी बेहतर हैं। बेहतर पोषण, आधुनिक मेडिकल सुविधाएं और मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम महिलाओं के लिए उपलब्ध हैं। फिर भी मातृत्व के दौरान शरीर पर पड़ने वाला दबाव पूरी तरह कम नहीं होता। इसके कारण महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, मेटाबॉलिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, और वजन व तनाव में बढ़ोतरी हो सकती है। ये सभी कारक महिला की लंबी अवधि वाली सेहत और उम्र पर असर डाल सकते हैं।
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ज्यादा बच्चों पर ज्यादा असर?
रिसर्च के अनुसार, जिन महिलाओं ने कई बच्चों को जन्म दिया, उनमें उम्र कम होने का प्रभाव अधिक स्पष्ट रूप से देखा गया। यह बताता है कि लगातार एक के बाद एक गर्भधारण, खासकर कठिन और संघर्षपूर्ण वातावरण में, महिला के शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालता है और लंबे समय में स्वास्थ्य व उम्र पर असर डाल सकता है।

क्या ये नतीजे आज पर लागू होते हैं?
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह रिसर्च दो सौ साल पुराने आंकड़ों पर आधारित है, इसलिए इसे आज की दुनिया पर लागू करने से पहले सावधानी जरूरी है।
2023 तक वैश्विक औसत के अनुसार एक महिला औसतन 2.1 बच्चों को जन्म दे रही है, जो पहले की तुलना में काफी कम है। फिर भी दुनिया के कई गरीब और कठिन क्षेत्रों में आज भी मातृ स्वास्थ्य इसी तरह की चुनौतियों का सामना करता है। इसलिए यह रिसर्च वहां आज भी प्रासंगिक हो सकती है।

