देवउठनी एकादशी पर गलती से भी न करें ये काम, वर्ना यमराज हो जाएंगे नाराज
punjabkesari.in Saturday, Nov 13, 2021 - 10:19 AM (IST)
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इनमें से वहीं देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल ये शुभ तिथि 14 नवंबर 2021, रविवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से चार माह बाद जागते हैं। वे एक बार फिर से सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इसी शुभ दिन पर तुलसी माता और भगवान शालीग्राम का विवाह करने की परंपरा है।
कहा जाता है कि चार महीनों के बार इसी दिन से सभी मांगलिक कार्य दोबारा से आरंभ हो जाते हैं। ऐसे में इस दिन व्रत रखने और भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करमे जीवन के समस्त पापों से छुटकारा मिलता है। इसी के साथ इस कुछ नियमों का पालन करने की भी जरूरी होता है। नहीं तो इन गलतियों यमराज का प्रकोप सहना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
तुलसी का पत्ता तोड़ने की गलती न करें
देव उत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी माता की पूजा होती है। तुलसी मां का विवाह शालीग्राम करवाने की परंपरा है। ऐसे में इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने की मनाही होती है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
इन चीजों का सेवन करने से बचें
इस दिन लहसुन-प्याज, मांस-मदिरा आदि का सेवन करने से बचें। आप भले ही देवोत्थान एकादशी का व्रत नहीं रख रहें हो मगर फिर भी इस दिन सात्विक भोजन खाएं।
चावल न खाएं
धार्मिक मान्यताओं अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही होती है। वहीं देवउठनी एकादशी सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। ऐसे में इस दिन गलती से भी चावल न खाएं।
एकादशी के दिन करें ये काम
एकादशी के दिन ज्यादा से ज्यादा नारायण के मंत्र, गीता का पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, भगवान के भजन, सत्यनारायण की कथा आदि करना चाहिए। हालांकि बीमार और असमर्थ लोगों के लिए यह नियम जरूरी नहीं है।
इन बातों का रखें ध्यान
इस दिन खासतौर पर घर का माहौल खुशनुमा रखें। बड़े-बुजुर्गे का आदर करें। घर में कलह-क्लेश करने से बचें। इसके अलावा इस दिन ब्रह्मचर्य का ही पालन करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस शुभ दिन पर घर में कलह करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती है।
दिन में सोने से परहेज करें
हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। ऐसे में उनके स्वागत में लोग विष्णु जी की विशेष पूजा करते हैं। इसलिए इस दिन दिन के समय सोने से बचना चाहिए।