पापमोचनी एकादशी: प्रेमानंद जी महाराज के बताए नियमों के साथ पाएं एकादशी व्रत का पूरा फल

punjabkesari.in Tuesday, Mar 25, 2025 - 11:20 AM (IST)

नारी डेस्क: एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। यह व्रत श्री हरि की कृपा प्राप्त करने, पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। हालांकि, कई बार लोग एकादशी व्रत करते हैं, लेकिन उसे पूरी तरह से लाभ नहीं मिल पाता। इस बार 24 मार्च को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। व्रत का पूरा फल प्राप्त करने के लिए प्रेमानंद जी महाराज ने कुछ खास नियम बताये हैं, जिन्हें पालन करके आप इस व्रत का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार एकादशी व्रत के नियम

तीन दिन का संयम रखें

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, एकादशी का व्रत रखने से पहले तीन दिनों का संयम रखना चाहिए। ये दिन हैं – दशमी तिथि, एकादशी तिथि और द्वादशी तिथि। इन तीन दिनों के नियमों का पालन करने से व्रत का पूरा फल मिलता है।

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दशमी तिथि के नियम

दशमी तिथि के दिन कांसे के बर्तन का त्याग करें और इन बर्तनों में भोजन न करें। साथ ही, उस रसोई में भी भोजन न करें, जहां मांस आदि पकाया जाता हो। इस दिन सिर्फ एक बार भोजन करें। मसूर की दाल, चना की दाल, साग, शक्कर और दोबारा से तैयार किया गया भोजन न खाएं।

एकादशी के दिन नियम

एकादशी के दिन खेलकूद, मोबाइल या किसी तरह का मनोरंजन न करें। इस दिन उपासक को पूरी रात जागकर कीर्तन करना चाहिए और निद्रा का त्याग करना चाहिए। पान या अन्य तंबाकू सामग्री का सेवन न करें, और वृक्ष से ताज़ा दातुन न तोड़ें। एकादशी के दिन किसी की निंदा, चुगली, चोरी या झूठ बोलने से बचें। जितना हो सके, मौन रहकर कार्य करें।

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फलाहार का सेवन करें

एकादशी के दिन फलाहार का सेवन करें, या फिर दूध और पानी जैसे हल्के आहार का सेवन करें।

द्वादशी तिथि के नियम

द्वादशी तिथि में भी कांसे के बर्तन में भोजन न करें और मांसाहारी भोजन से बचें। इस दिन कोई भी नशा न करें और तेल से बने भोजन का सेवन न करें। इस दिन भी एक बार ही भोजन करना चाहिए। मसूर की दाल का सेवन न करें और शरीर को अधिक थकाने वाले कामों से बचें।

प्रेमानंद जी महाराज का संदेश

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा है कि जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है, वही एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त करता है। यदि आप इन नियमों का ध्यान रखेंगे, तो आपको श्री हरि की कृपा और व्रत का पूर्ण फल मिलेगा।

इस प्रकार, पापमोचनी एकादशी पर इन नियमों का पालन करते हुए, आप जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकते हैं।
 


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Content Editor

Priya Yadav

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