Shiva Chauhan : विश्व के खतरनाक युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला
punjabkesari.in Sunday, Jan 08, 2023 - 01:25 PM (IST)
आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। भारत की रक्षा के लिए भारतीय सेना में भी हर साल बड़ी संख्या में देश के बेटियां शामिल हो रही हैं, ऐसी ही एक बेटी है कैप्टन शिव चौहान, जिन्होनें इतिहास रच दिया। फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिव चौहान कुमार पोस्ट में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई है जो हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। तो आईए चलिए जानते हैं कैप्टन शिवा चौहान के बारे में...
जानें क्या है फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स भारतीय सेना की एक कॉर्प्स है। ये सेना के उधमपुर स्थित नॉर्दर्न कमांड का एक हिस्सा है। आपको बता दें कि 14 कॉर्प्स कारगिल और लेह के साथ के इलाके में सैन्य तैनाती को देखता हैं। इसके अलावा ये कॉर्प्स चीन, पाकिस्तान के साथ सीमा की देखभाल भी करता है। इसी के पास सियाचिन ग्लेशियर भी है। आपको बता दें कि करीब ढाई साल पहले पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत देकर भी चीनी सैनिकों को धूल चटाने वाले वीर जवान इसी फायर एंड फ्यूरी कोर से जुड़े हुए हैं। इस कोर के नाम से ही इनकी वीरता और शौर्य की झलक मिलती है। आपको बता दें कि फायर का अर्थ है आग और फ्यूरी का अर्थ है प्रचंड होता है।
शिवा चौहन को दिया गया कठोर प्रशिक्षण
सियाचिन बैटल स्कूल में कैप्टन शिवा को कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें धीरज प्रशिक्षण, बर्फ की दीवार पर चढ़ना, हिमस्खलन और हिमस्खलन बचाव और उत्तरजीविता अभ्यास शामिल थे। बता दें कि कैप्टन शिवा इस साल 2 जनवरी को एक कठिन चढ़ाई के बाद सियाचिन ग्लेशियर में शामिल हुई थीं।
#WATCH | Capt Shiva Chouhan becomes the first woman officer to get operationally deployed at the world's highest battlefield, Siachen, after training at Siachen Battle School along with other personnel.
— ANI (@ANI) January 3, 2023
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/He6oPwdQM9
कैप्टन शिवा चौहान के बारे में जानें
राजस्थान के रहने वाले कैप्टन शिवा चौहान बंगाल सैपर ऑफिसर हैं। उन्होनें 11 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। उनकी मां गृहिणी थी, जिन्होंने उनकी पढ़ाई का ध्यान रखा। कैप्टन शिवा ने अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर से की है। उन्होंने एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। आपको बता दें कि 508 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, कैप्टन शिवा ने जुलाई 2022 में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित सियाचिन युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक सुरा सोई साइकिल अभियान का सफलापूर्वक नेतृत्व किया था।
क्या होगीं कैप्टन शिवा चौहान की जिम्मेदारियां
दुनिया सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली शिवा चौहान की जिम्मेदारियां भी बहुत होंगी। भारतीय सेना ने बताया कि कैप्टन चौहान के नेतृत्व में सैपर्स की टीम कई इंजीनियरिंग कार्यों के लिए जिम्मेदार होगी। इसके साथ ही उन्हें और तीन महीने की अवधि के लिए पोस्ट पर तैनात किया जाएगा।