क्या फैटी लिवर वाली महिला कंसीव कर सकती है? इस समस्या से प्रेग्नेंसी में हो सकती हैं ये 5 दिक्कतें

punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 05:10 PM (IST)

नारी डेस्क:  फैटी लिवर एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें लिवर (यकृत) में चर्बी यानी फैट जमा हो जाता है। यह दो तरह का होता है – एल्कोहॉलिक फैटी लिवर और नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)। खास बात यह है कि नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर उन लोगों में भी हो सकता है जो शराब का सेवन नहीं करते।

अब सवाल यह है कि क्या फैटी लिवर होने पर महिलाएं गर्भधारण (प्रेग्नेंसी) कर सकती हैं? और अगर प्रेग्नेंसी के दौरान फैटी लिवर हो तो क्या यह माँ और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है? इस बारे में मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर, वृंदावन और नई दिल्ली की निदेशक व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानिए।

फैटी लिवर और प्रेग्नेंसी 

अगर महिला को फैटी लिवर है तो वह गर्भवती तो हो सकती है, लेकिन यह स्थिति प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ जटिलताएं पैदा कर सकती है।
नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) की वजह से गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रेशर, ब्लीडिंग, लिवर फेल्योर, यहां तक कि जॉन्डिस (पीलिया) तक का खतरा हो सकता है। यह स्थितियां माँ और शिशु दोनों के लिए घातक हो सकती हैं।

प्रेग्नेंसी में फैटी लिवर के दो प्रकार

एक्यूट फैटी लिवर ऑफ प्रेग्नेंसी (AFLP) यह बहुत ही दुर्लभ स्थिति होती है और आमतौर पर तीसरी तिमाही में सामने आती है। इसमें लिवर में अचानक फैट जमा हो जाता है और लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है। समय पर इलाज न होने पर यह लाइफ थ्रेटनिंग हो सकती है। नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) यह मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से होता है। यह प्रेग्नेंसी से पहले या उसके दौरान भी हो सकता है। सही देखभाल और डायट से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

फैटी लिवर के लक्षण प्रेग्नेंसी में

पेट में हल्का या तेज दर्द

लगातार थकान महसूस होना

भूख की कमी

सिरदर्द

हाई ब्लड प्रेशर

गंभीर स्थिति में – जॉन्डिस, ब्लड क्लॉटिंग, उल्टी या भ्रम

प्रेग्नेंसी में फैटी लिवर हो तो क्या करें?

रेगुलर प्रेनेटल चेकअप करवाएं, खासकर लिवर फंक्शन टेस्ट जरूर कराएं।

हेल्दी डाइट लें – ताजे फल, सब्ज़ियां, और हाई फाइबर खाना खाएं।

नियमित रूप से हल्की- फुल्की एक्सरसाइज करें (डॉक्टर की सलाह से)।

वजन पर कंट्रोल रखें, मोटापा फैटी लिवर को और बढ़ा सकता है।

ज्यादा ऑयली और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।

किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डिलीवरी के बाद भी लिवर की देखभाल जरूरी है, इसलिए फॉलोअप न छोड़ें।

फैटी लिवर की समस्या गंभीर है लेकिन अगर समय रहते इसका ध्यान रखा जाए और डॉक्टर की सलाह मानी जाए तो महिला न सिर्फ कंसीव कर सकती है, बल्कि एक स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दे सकती है। जरूरी है कि महिलाएं अपनी जीवनशैली सुधारें, समय पर मेडिकल चेकअप करवाएं और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static