गर्भवती महिलाएं रोज करें ये योगासन, मां के साथ बच्चा भी रहेगा चुस्त-दुरुस्त
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 02:06 PM (IST)

नारी डेस्क: प्रेगनेंसी के दौरान योग (Prenatal Yoga) एक बेहद लाभकारी अभ्यास है जो न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी गर्भवती महिला को मजबूत बनाता है। यह अभ्यास शरीर को डिलीवरी के लिए तैयार करता है और गर्भावस्था के दौरान आने वाली तकलीफों को कम करने में मदद करता है। चलिए जानते है होने वाली मां के लिए कौन सा योग है फायदेमंद और क्या है इसे करने के तरीके।
गर्भवती महिलाओं के लिए प्रीनेटल योग के लाभ
प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर नींद की समस्या होती है। योग से शरीर और मन को शांति मिलती है, जिससे नींद सुधरती है। हल्के योग आसनों और श्वास-प्रश्वास की तकनीकों से मानसिक तनाव और घबराहट कम होती है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है। योग में किए जाने वाले कोमल खिंचाव (gentle stretches) और मुद्राएं शरीर को डिलीवरी के लिए लचीला बनाती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले पीठ दर्द, टांगों में खिंचाव और सूजन को योग से कम किया जा सकता है। योग में सिखाई जाने वाली गहरी सांस लेने की विधियां प्रसव के समय दर्द को सहन करने और मन को शांत रखने में मदद करती हैं। इसके अलावा योग से आत्मविश्वास बढ़ता है और गर्भावस्था के भावनात्मक उतार-चढ़ाव को संभालने में मदद मिलती है।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित योग आसन
तितली आसन ( Butterfly Pose): यह जांघों और पेल्विस को खोलता है। डिलीवरी के लिए शरीर को तैयार करता है और कमरदर्द से भी राहत दिलाता है
वज्रासन (Thunderbolt Pose): यह पाचन को सुधारता है और गैस की समस्या में आराम देता है। इसे भोजन के बाद करना सुरक्षित होता है। ध्यान और प्राणायाम के लिए यह अच्छा आसन है।
बालासन (Child's Pose): यह थकान और पीठ दर्द से राहत दिलाता है। इसे पेट पर दबाव न डालते हुए हल्के रूप में करें।
कैट-काउ पोज़ (Marjariasana ): रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है। शिशु की स्थिति ठीक रखने में मदद कर सकता है।
ताड़ासन (Mountain Pose): यह शरीर में संतुलन और स्थिरता लाता है। मुद्रा को सुधरता है और पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर करता है।
शवासन (Shavasana): यह दिमाग और शरीर को पूरी तरह रिलैक्स करता है। इसे बाईं करवट लेटकर तकिए के सहारे करें।
जरूरी सावधानियां
-तीनों तिमाही में अलग-अलग आसनों का चुनाव करें।
-उल्टा लेटने वाले या पेट पर दबाव डालने वाले आसनों से बचें।
-कभी भी अपनी बॉडी पर ज़ोर न डालें। दर्द या असुविधा हो तो तुरंत रुक जाएं।
-हमेशा प्रशिक्षित प्रीनेटल योग शिक्षक की देखरेख में योग करें।
-डॉक्टर की अनुमति लेना बहुत ज़रूरी है, खासकर यदि कोई कॉम्प्लिकेशन हो।