ना फूलेगी सांस और ना होगी थकान, Stamina बढ़ाने के लिए करें यह योग

punjabkesari.in Saturday, Sep 18, 2021 - 06:13 PM (IST)

क्या आप भी कुछ कदम चलने के बाद ही थक जाते हैं? क्या 10 सीढ़ियां चढ़ने के बाद आपकी भी सांस फूल जाती है? यह संकेत हो सकता है शरीर में एनर्जी और स्टैमिना (Stamina) की कमी का। जहां पहले ज्यादा उम्र के लोगों में स्टैमिना की कमी देखने को मिलती थी वहीं आजकल युवा भी जल्दी थक जाते हैं। शरीर में स्टैमिना की कमी से आप ना सिर्फ थकान महसूस करते हैं बल्कि इसके कारण दिनभर सुस्ती और थोड़े कदम पर सांस फूलने की समस्या हो सकती है।

ऐसे में शरीर में स्टैमिना बढ़ाने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। योग एक ऐसी प्राचीन पद्धति है जो तन और मन को स्वस्थ रखने में मदद करती है। तो चलिए आपको बताते हैं Stamina बढ़ाने के लिए कुछ बेस्ट योगासन...

Stamina बढ़ाने के लिए करें वीरभद्रासन-2

इस आसन को करने के लिए पैरों को 4-5 फीट खोलकर सीधे खड़े हो जाएं और फिर बाएं पैर को जमीन से 90 डिग्री कोण पर रखकर पंजे को बाहर कर लें। दाएं पैर को जमीन से 45 डिग्री कोण पर रखकर हाथों को कंधों और जमीन के बराबर ले आएं। बाएं घुटने को मोड़कर बाएं हाथ की उंगलियों की तरफ देखें। इसके बाद बाएं घुटने को जरूरतअनुसार मोड़कर बाईं जांघ जमीन के बराबर ले आए। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य हो जाएं।

PunjabKesari

वीरभद्रासन-2 करने का सही टाइम

सुबह खाली पेट इस योगासन को करने का सही समय है लेकिन ध्यान रखें कि इसे करने से पहले ताड़ासन व शवासन का अभ्यास करें। इसके बाद वीरभद्रासन-2 करते समय एक तरफ मुद्रा को 10 से 15 सेकंड तक होल्ड करें और फिर मुद्रा बदल लें। स्टैमिना बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे योग का समय बढ़ाएं।

वीरभद्रासन-2 के अन्य फायदे

. स्टैमिना बढ़ाने के अलावा इस योग को रोज करने से पैरों और टखनों में मजबूती व फ्लैक्सिबिलीटी आती है।
. इससे छाती, कंधे, कूल्हे और ग्रोइन एरिया मजबूत होते हैं।
. यह योग शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
. आयुर्वेद की मानें तो इससे बांझपन व साइटिका दर्द से भी आराम मिलता है।
. जिन लोगों को बेली फैट की शिकायत है उनके लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है।
. इस योग से छाती में काफी फैलाव बढ़ता है, जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। साथ ही इससे ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स भी दूर होती है।
. नियमित वीरभद्रासन-2 करने से मानसिक तनाव , डिप्रेशन से भी बचाव रहता है।
. इससे पेट की कई सारी बीमारियां जैसे- कब्ज आदि से छुटकारा मिलता है। 

PunjabKesari

इन बातों का रखें ध्यान

-हाई ब्‍लड प्रेशर, दिल के रोग, कंधे व गर्दन में दर्द से परेशान है तो किसी एक्सपर्ट की निगरानी में योग करें।
-रीढ़ की हड्डी में दर्द या कोई पुरानी बीमारी है तो यह योग ना करें
-गर्भवती महिलाओं को तीसरी महीने के बाद यह योग नहीं करना चाहिए।
-दस्त से पीड़ित लोग, घुटनों में दर्द, गठिया मरीजों को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static