Age no bar: नौकरी खत्म होने के बाद की पढ़ाई, 80 साल की उम्र में शशिकला ने ली Phd की डिग्री
punjabkesari.in Wednesday, Mar 10, 2021 - 04:48 PM (IST)
कहते हैं कि पढ़ने, लिखने और सीखने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती, इंसान जीवन भर सीखता है। बस आपके दिल में पढ़ने-लिखने का का जज्बा और लगन होना चाहिए। इस बात को सच साबित कर दिखाया है 80 वर्षीय शशिकला रावल ने, जिन्होंने हाल ही में अपनी पढ़ाई पूरी की। इस उम्र में पीएचडी की डिग्री लेने वाली वह पहली महिला भी बन गई है।
आनंदीबेन पटेल से मिली डिग्री
उज्जैन की रहने वाली 80 वर्षीय शशिकला को हाल ही में डॉक्टरेट की डिग्री से नवाजा गया है। उन्होंने संस्कृत भाषा में 'बृहत्संहिता के दर्पण में सामाजिक जीवन का बिम्ब' विषय को लेकर शोध करके पीएचडी कंपलीट की। 24वें दीक्षांत समारोह के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय में उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें खुद अपने हाथों से पीएचडी की डिग्री दी गई। संस्कृत में पीएचडी करके उन्होंने साबित कर दिया कि सचमुच पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती।
रिटायरमेंट के बाद की पीएचडी
बता दें कि शशिकला शिक्षा विभाग में लेक्चरर थी लेकिन पोस्ट से रिटायर होने के बाद 2009-2011 में उन्होंने ज्योतिष विज्ञान से एमए किया। उसके बाद उन्होंने आगे पीएचडी करने का फैसला किया। इसके लिए पहले उन्होंने संस्कृत में वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ 'वृहत संहिता' पर रिसर्च की और पूरी मेहनत व लगन से अपने इस सपने को सच भी कर दिखाया। उन्होंने महर्षि पाणिनी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी की मदद से 'वृहत संहिता के दर्पण में सामाजिक जीवन के बिंब' पर अपनी रिसर्च पूरी की।
हमेशा से थी ज्योतिष में दिलचस्पी
जब एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि इस उम्र में तो लोग आराम करते हैं लेकिन आपको पढ़ाई का ख्याल क्यों आया तो उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा से ही ज्योतिष विज्ञान में रुचि थी और एमए करने के बाद जब मैंने वराहमिहिर की वृहत संहिता पढ़ती तो मुझे इसपर पीएचडी करने का ख्याल आया। वह बताती हैं कि इससे उनके चिंतन को अलग दिशा मिलती है और ज्योतिष से जीवन में आने वाले चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।