क्या आप जानते हैं शादी के पवित्र ''7 वचनों'' का अर्थ?

punjabkesari.in Wednesday, Sep 04, 2019 - 04:33 PM (IST)

हिंदू धर्म में शादी को 16 संस्कारों में से एक माना जाता है। इसमें होने वाली सभी रस्मों को बहुत महत्व दिया जाता, खासकर सात फेरों का। समाज और अग्नि के सात फेरे लेकर सात वचनों के साथ दो तन, मन तथा आत्मा एक पवित्र बंधन में बंध जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सात फेरे लेने से लड़का-लड़की सात जन्मों तक एक-दूसरे के हो जाते हैं।

 

हमने कितनी ही शादियां अटैंड की होंगी लेकिन शायद ही किसी को इन सात फेरों का अर्थ पता हो। यहां तक कि शादीशुदा लड़कियों को भी सात फेरों की व्याख्या मालूम नहीं होती। वहीं आजकल की लड़कियों के लिए इन सात फेरों की अर्थ भी डिफरेंट होते हैं। आज हम आपको यही बताएंगे कि आधुनिक लड़कियों के लिए शादी के इन सात वचनों के क्या अर्थ है।

 

पहला वचन

तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्या:,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी !!

आधुनिक अर्थ - इसमें कपल प्रार्थना करता है कि वे उन्हें एक साथ रहने और अच्छे और बुरे समय में एक-दूसरे का सम्मान करने की शक्ति दें। वे एक-दूसरे की जरूरतों का पोषण और देखभाल करने का वादा करते हैं।

अर्थ- इस वचन में लड़की लड़के से यह वचन मांगती है कि वो कोई व्रत, धार्मिक काम या तीर्थयात्रा उसके बिना ना करें बल्कि उसे अपने साथ रखें। अगर आप इसे स्वीकार करते हैं तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।

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दूसरा वचन

पुज्यौ यथा स्वौ पितरौ ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्या:,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं द्वितीयम !!

आधुनिक अर्थ - इसमें दंपति ईश्वर से उन्हें मानसिक स्थिरता, आध्यात्मिक शक्ति और शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं, ताकि वे एक सहज जीवन जी सकें। उन्होंने यह भी वादा किया कि आज से वे दो आत्माएं और दिल से एक-दूसरे के साथ रहेंगे।

अर्थ- दूसरे वचन में वधू वर से कहती है कि आप अपने पेरेंट्स की ही तरह मेरे माता-पिता का भी सम्मान करें। अगर आपको यह स्वीकार हो तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।

तीसरा वचन

जीवनम अवस्थात्रये मम पालनां कुर्यात,
वामांगंयामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं तृ्तीयं !!

आधुनिक अर्थ - तीसरे फेरे में, दंपति जीवन को शांति और संतोष के साथ जीने के लिए धन, समृद्धि और ज्ञान की प्रार्थना करते हैं। वे भगवान से उन्हें पर्याप्त शक्ति देने के लिए कहते हैं ताकि वे खुशी और दर्द को एक साथ सांझा कर सकें।

अर्थ- इस वचन में वधू वर से कहती हैं कि अगर आप जीवन की तीनों अवस्थाओं (युवावस्था, प्रोढ़ावस्था और वृद्धावस्था) में उनका साथ निभाएंगे तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।

चौथा वचन

कुटुम्बसंपालनसर्वकार्य कर्तु प्रतिज्ञां यदि कातं कुर्या:,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं चतुर्थं !!

आधुनिक अर्थ - इस फेरे में कपल एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान की प्रतिज्ञा लेते हैं। इसमें दुल्हन को लड़के के सामने चलने के लिए भी कहा जाता है और वो वादा करती है कि वह कभी गलत रास्ते पर नहीं चलेगी।

अर्थ- चौथे वचन में कन्या भविष्य की सारी जिम्मेदारियां और जरूरत को वर के कंधों पर डालकर उनके वामांग में आना स्वीकार करती हैं।

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पांचवा वचन

स्वसद्यकार्ये व्यवहारकर्मण्ये व्यये मामापि मन्त्रयेथा,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: पंचमत्र कन्या !!

आधुनिक अर्थ - इस फेरे में कपल एक-दूसरे के साथ दुख-सुख सांझा करने का वचन करते हैं। साथ ही वे स्वस्थ बच्चों के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।

अर्थ- इस वचन का मतलब है कि वर घर के काम, लेन-देन और अन्य कोई खर्च में पत्नी की राय लेंगे।

छठा वचन

न मेपमानमं सविधे सखीनां द्यूतं न वा दुर्व्यसनं भंजश्चेत,
वामाम्गमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति कन्या वचनं च षष्ठम !!

आधुनिक अर्थ - अग्नि के चक्कर लगाते हुए इस फेरे में दंपति एक-दूसरे को वचन देते हैं कि वो खराब स्वास्थ्य में या जरूरत पड़ने पर हमेशा साथ खड़े रहेंगे और सभी भक्ति कर्तव्यों में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।

अर्थ- इस वचन में वधू वर से कहती हैं कि वह किसी के सामने उनका अपमान नहीं करेंगे। साथ ही वह जुआ या किसी भी तरह की बुराइयां से दूर रहेंगे।

सातवां वचन

परस्त्रियं मातृसमां समीक्ष्य स्नेहं सदा चेन्मयि कान्त कुर्या,
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: सप्तममत्र कन्या !!

आधुनिक अर्थ - आखिरी फेरे में कपल वाला एक-दूसरे से वफादारी, एकजुटता, साहचर्य, समझ और बिना शर्त प्यार करने का वचन देते हैं। वे भगवान से इस खूबसूरत बंधन को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए धैर्य और परिपक्वता की प्रार्थना करते हैं।

अर्थ- आखिरी वचन में कन्या वर से पराई स्त्रियों को मां समान समझेंगे और पति-पत्नी के आपसी प्रेम के बीच अन्य किसी को भी नहीं आने देंगे के लिए कहती है।

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Content Writer

Anjali Rajput

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