कैंसर के कारण होने वाले बांझपन का भी हो सकता है इलाज

punjabkesari.in Sunday, Sep 03, 2017 - 09:50 AM (IST)

अक्सर महिलाओं में कैंसर के कारण बांझपन की समस्यां हो जाती है लेकिन न्यूयॉर्क ने कैंसर के कारण होने वाली इस समस्यां का सामधान ढ़ूढ लिया है। न्यूयॉर्क ने एक ऐसी दवाई बनाई है, जिसकी मदद से महिलाओं में इस समस्यां को होने से रोका जा सकता है। दरअसल कैंसर के इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन और कीमोथेरेपी दवाइओं के कारण महिलाओं को इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। इन दवाइयों की मदद से महिलाओं को इस बीमारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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कुछ ही समय पहले हुए एक शोध के मुताबिक स्तन कैंसर की बीमारी से ग्रस्त 40 प्रतिशत महिलाओं के अंडाशय खराब हो गए थे। महिलाओं के शरीर में अंडाणुओं या अविकसित अंडाणुओं को विकसित करने का संचय होता है लेकिन कैंसर की दवाओं के कारण गर्भाशय की सामान्य क्रियाएं होनी बंद हो जाती है और अंडाणु की प्रजनन शक्ति खत्म हो जाती है।

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महिलाओं के शरीर में अंडाणुओं या अविकसित अंडाणुओं को विकसित करने का संचय होता है लेकिन यह अंडाणु शरीर की सबसे संवेदनशील कोशिकाओं में से एक होने के कारण कैंसर के इलाज के दौरान खत्म हो जाते है।

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एक शोध में चेकप्वाइंट प्रोटीन का पता लगाया गया जिससे इन क्षतिग्रस्त अंडाणुओं को फिर से सक्रिय किया जा सके। सीएचके 2 नामक यह दवाई उन तत्वों को नुकसान पहुचाती है जो क्षतिग्रस्त डीएनए वाले अंडाणुओं को हटा देता है। इसके द्धारा विकृत संतान को जन्म देने से बचाती है।

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कैंसर के इलाज के दौरान महिलाएं डॉक्टर्स द्धारा अपने अंडाणुओं या गर्भाशय की कोशिकाओं को हटवा या फ्रीज करवा सकती है लेकिन ऐसा करने पर कैंसर के इलाज में देरी हो सकती है। शरीर से गर्भाशय को निकालने पर महिलाएं प्राकृतिक तौर पर रजोनिवृत्ति की तरफ बढ़ जाती है। जिससे कैंसर की दवाइयां धीरे-धीरे काम करती है।

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इसके अलावा इस अध्ययन के जरिए वैज्ञानिकों ने सीएचके 2 संबंधित दवाइयां और थेरेपी को साथ-साथ शुरु करने के नजरिए उपलब्ध करवाएं है। हालाकिं अभी इसे मानव शरीर पर प्रयोग करने की जरूरत होगी।

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