सूजे पैर और अकड़ी पीठ, ये लक्षण लिवर में पानी भरने के ...कारण और सही इलाज भी पढ़िए

punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 07:54 PM (IST)

नारी डेस्कः लिवर, शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और अहम अंग है और इसी अंग को लेकर कई तरह की हैल्थ समस्याएं हो रही है जैसे फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, लिवर में सूजन आदि। इसी के साथ कुछ लोगों के लिवर में पानी भरने की समस्या भी हो रही है। आपने भी कभी ना कभी, इस समस्या के बारे में जरूर सुना होगा। इस समस्या को मेडिकल भाषा में Ascites कहते हैं। बता दें कि यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में तरल पदार्थ भर जाता हैं और सूजन के साथ दर्द रहता है। अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही लिवर सिरोसिस है और वजन भी तेजी से बढ़ रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह लिवर में पानी भरने का एक बड़ा कारण है। 

क्लीवलैंड की रिपोर्ट के अनुसार, स्वस्थ लोगों के लिवर या पेट में पानी भरने की समस्या बहुत ही कम होती है। वास्तव में यह किसी बीमारी का परिणाम हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह सिरोसिस है और लिवर में पानी भरने के लगभग 80% मामलों में सिरोसिस होता है।
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लिवर या पेट में पानी भरने के लक्षण

लिवर में पानी भरना आम बोलचाल की भाषा में कहा जाता है, लेकिन चिकित्सा भाषा में इसे आमतौर पर Ascites (एसाइटिस) कहा जाता है। इसका मतलब होता है पेट (एब्डॉमिनल कैविटी) में तरल पदार्थ का इकट्ठा होना। यह समस्या अक्सर लिवर की बीमारियों के कारण होती है, खासकर लीवर सिरोसिस के मामलों में। पेट के अंदर पेरिटोनियम नामक टिश्यू की एक शीट होती है। यह शीट पेट, आंतों, लिवर और किडनी समेत पेट के कई अंगों को ढकती है। पेरिटोनियम की दो परतें होती हैं। Ascites की समस्या तब होता है जब तरल पदार्थ दो परतों के बीच जमा होने लगता है।

जब लिवर या पेट में पानी भरना शुरू होता है तो सबसे बड़ा लक्षण एक पेट का बड़ा और वजन बढ़ना है। पेट फूलने और भारी लगने की दिक्कत रहती है।
पैर और टखनों में सूजन
सांस लेने में तकलीफ (ज्यादा पानी भर जाने पर)
पाचन संबंधी समस्याएं जैसे सूजन, पेट दर्द, भूख न लगना, अपच और कब्ज रहती है।
पीठ दर्द, उठने-बैठने में कठिनाई
थकान या कमजोरी

लिवर में पानी भरने (Ascites) के मुख्य कारण

लिवर या पेट में पानी भरने का सबसे बड़ा कारण सिरोसिस है। इसके अलावा कई स्थितियां हैं, जो इसका कारण बन सकती हैं उनमें हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर, इन्फेक्शन और कैंसर आदि शामिल हैं।
लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis): यह लिवर डैमेज का एक गंभीर रूप है जिसमें लिवर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइब्रोटिक टिशू बन जाता है। सिरोसिस के कारण लिवर की कार्यक्षमता घट जाती है, जिससे पेट में तरल जमा होने लगता है।
पोर्टल हाइपरटेंशन (Portal Hypertension): सिरोसिस के कारण लिवर में खून का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे पोर्टल नस में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और पेट में पानी भरने लगता है।
कैंसर: पेट या लिवर के कैंसर की स्थिति में भी Ascites हो सकता है।
टीबी (Tuberculosis): पेट की टीबी से भी Ascites हो सकता है।
किडनी या हार्ट फेल्योर: इन स्थितियों में भी शरीर में पानी जमा हो सकता है जिसमें पेट भी शामिल है।

लिवर में पानी भरने के नुकसान

ज्यादातर मामलों में लिवर या पेट में पानी भरना बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है। हालांकि कुछ मामलों में इसकी वजह से लिवर फेलियर होने का खतरा बना रहता है और यहां तक कि जान भी जा सकती है। अगर समय पर इलाज ना किया जाए तो मरीज को पेट में इन्फेक्शन हो सकता है। सिरोसिस की वजह से लिवर या पेट में पानी भरने का सबसे ज्यादा खतरा होता है हालांकि कई जोखिम कारक हैं जो इसकी वजह बन सकते हैं जैसे कि 
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज
हेपेटाइटिस बी
हेपेटाइटिस सी
अल्कोहल यूज डिसऑर्डर
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस
हेमोक्रोमैटोसिस, विल्सन डिजीज और अल्फा-1-एंटीट्रिप्सिन की कमी जैसी जेनेटिक लिवर डिजीज।
कोंजेस्टिव हार्ट फेलियर
किडनी फेलियर
पेट में कैंसर
इंफेक्शन 

इसके लिए जांच (Diagnosis)

अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन: पेट में पानी की मात्रा देखने के लिए इसका सहारा लिया जाता है।
ब्लड टेस्ट: लिवर की कार्यक्षमता जांचने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। 
Ascitic Fluid Analysis: पेट से पानी निकालकर उसकी जांच की जाती है।

लिवर में पानी भरने का इलाज (Treatment)

कारण का इलाज: जैसे कि सिरोसिस, टीबी या हार्ट फेल्योर का इलाज करना।
डाययूरेटिक दवाएं: जैसे कि फ्यूरोसेमाइड, जिससे पेशाब के जरिए पानी निकले।
पैरासेन्टेसिस: पेट से नीडल की मदद से पानी निकालना।
कम नमक वाला डाइट: नमक से शरीर में पानी जमा होने की संभावना बढ़ती है।
लिवर ट्रांसप्लांट: बहुत गंभीर लिवर डैमेज होने पर अंतिम विकल्प यही रहता है।
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लिवर में पानी भरने के रोकथाम के उपाय

शराब से पूरी तरह बचें।
हेल्दी और संतुलित आहार लें।
हेपेटाइटिस बी और सी से बचाव करें।
नियमित लिवर फंक्शन की जांच करवाएं यदि जोखिम है।
हाई ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें।
ताजे फलों-सब्जियों का अधिक सेवन करें। नारियल पानी, नींबू पानी, हल्दी का पानी आदि का सेवन उचित मात्रा में करें। 
ज्यादा फैट और नमक वाली चीजों को खाने से बचें।
प्रोसेस्ड फूड्स बिलकुल ना खाएं।
वजन कंट्रोल रखें।
रोजाना एक्सरसाइज करें।

जरूरी बातः अगर पेट में पानी भरने के लक्षण दिखें तो जल्द से जल्द किसी गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट या लिवर स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।






 


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Content Writer

Vandana

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