इंसानियत शर्मसार! जिस दादी ने चलना सिखाया उसी पोते ने कूड़े में फैंका, वजह बना कैंसर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 02:27 PM (IST)

नारी डेस्क: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी को हैरान और दुखी कर दिया है। यहां एक पोते ने अपनी ही बीमार दादी को सड़क किनारे कचरे के ढेर में छोड़ दिया। यह महिला त्वचा कैंसर (स्किन कैंसर) से पीड़ित हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं। यह घटना शनिवार सुबह आरे कॉलोनी इलाके में सामने आई, जब एक राहगीर ने सड़क किनारे एक बेहद कमजोर और घायल बुजुर्ग महिला को कचरे के पास पड़ी हुई देखा। महिला की हालत इतनी खराब थी कि वो ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं। राहगीर ने तुरंत मुंबई पुलिस को सूचना दी।

कौन हैं ये महिला?

पुलिस जब मौके पर पहुंची और बुजुर्ग महिला से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने टूटी-फूटी आवाज़ में बताया कि उनका नाम यशोदा गायकवाड़ (उम्र 60 वर्ष) है और उन्हें उनके पोते ने यहां छोड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि वह पहले मलाड इलाके में अपने पोते के साथ रहती थीं।

PunjabKesari

इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा

पुलिस ने यशोदा को तुरंत अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन कई अस्पतालों ने उनकी गंभीर हालत को देखकर उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। आखिरकार कई घंटे बाद, शाम करीब 5:30 बजे उन्हें बीएमसी के कूपर अस्पताल में भर्ती किया गया। अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि सुबह मिली महिला को इलाज के लिए पूरा दिन इंतजार करना पड़ा।

ये भी पढ़ें:  राजा रघुवंशी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, सोनम के ‘सेफ हाउस’ से मिला CCTV-DVR

परिजनों की तलाश में जुटी पुलिस

महिला ने पुलिस को बताया कि उनके कुछ रिश्तेदार मलाड और कांदिवली में रहते हैं। उन्होंने इन इलाकों में कुछ पतों की जानकारी भी दी है। मुंबई पुलिस अब उनके परिवार वालों की तलाश कर रही है और उनकी तस्वीरें सभी पुलिस थानों में भेज दी गई हैं।

PunjabKesari

जनता से की गई अपील

आरे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक रवींद्र पाटिल ने जनता से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति यशोदा गायकवाड़ को पहचानता है या उनके परिवार के बारे में कुछ भी जानकारी है, तो तुरंत आरे पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।

यह घटना न सिर्फ एक दुखद पारिवारिक मामला है, बल्कि समाज के सामने यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या हम इतने खुदगर्ज़ हो चुके हैं कि अपने ही बुजुर्गों को इस हाल में छोड़ दें?  

 

 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static