तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिए महिलाओं के हित में कौन-कौन से किए वादे
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 10:14 AM (IST)
तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पहली बार तालिबान के स्पोक्सपर्सन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस दौरान उन्होंने महिलाओं से लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदायों पर अपना पक्ष रखा।
तालिबान ने की सुरक्षित अफगानिस्तान की घोषणा
तालिबान ने मंगलवार को इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया और अपना विरोध करने वालों को माफी देने और उन्हें सुरक्षित अफगानिस्तान सुनिश्चित करने की घोषणा की।
जानिए तालिबान ने क्या कहा-
कोई बदला नहीं:
तालिबान पूर्व सैनिकों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिशोध की मांग नहीं करेगा, और पूर्व सैनिकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बलों के लिए काम करने वाले ठेकेदारों और अनुवादकों के लिए माफी देगा। प्रवक्ता ने कहा कि विपरीत पक्ष के सभी लोगों को A से Z तक माफ किया जाता और हम बदला नहीं लेंगे। तालिबान ने कहा कि वे अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं।
तालिबान 1.0 और तालिबान 2.0:
यदि प्रश्न विचारधारा और विश्वासों पर आधारित है, तो 1996 और 2001 के दौरान तालिबान के बीच कोई अंतर नहीं है, लेकिन अगर अनुभव, परिपक्वता और अंतर्दृष्टि पर गणना की जाए, तो निस्संदेह कई अंतर हैं।
निजी मीडिया पर दी यह सलाह:
मुजाहिद ने यह भी कहा कि तालिबान चाहता है कि निजी मीडिया 'स्वतंत्र रहे', लेकिन उसने इस बात को विशेष तौर पर रेखांकित किया कि पत्रकारों को देश के मूल्यों के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए।
महिला अधिकार:
महिलाओं को काम करने और अध्ययन करने की अनुमति दी जाएगी और समाज में बहुत सक्रिय होगी लेकिन इस्लाम के ढांचे के भीतर। इसके साथ ही मुजाहिद ने अनेक अफगान लोगों और विदेशी नागरिकों की मुख्य चिंताओं को भी दूर करने की कोशिश की और कहा कि महिलाओं को इस्लामी कानून के तहत अधिकार प्रदान किए जाएंगे।
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
तालिबान किसी भी संघर्ष, किसी युद्ध को फिर से दोहराना नहीं चाहता, और वे संघर्ष के कारकों को दूर करना चाहते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान को अन्य देशों पर हमले के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा, जैसा कि 9/11 से पहले के वर्षों में था।
अफगानिस्तान किसी दूसरे देश को निशाना बनाने के लिए अपनी जमीन नहीं देगा
प्रवक्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान किसी दूसरे देश को निशाना बनाने के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देगा। दरअसल, साल 2020 में अमेरिका के साथ हुए समझौते में तालिबान ने इसका वादा भी किया था। इस समझौते के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ हो गया था।
किसी को टार्गेट नहीं किया जाएगा:
तालिबान ने कहा कि वह अपने दुश्मनों को निशाना नहीं बनाएगा लेकिन बता दें कि इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थी कि लड़ाकों के पास उन लोगों की लिस्ट है जिन्होंने सरकार का सहयोग किया और उन्हें वह ढूंढ रहे हैं। इस बीच, तालिबान के कब्जे के बाद जर्मनी ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली विकास सहायता रोक दी है।