शिशुओं को भी हो सकती है डिहाइड्रेशन की परेशानी, जानें ऐसे में क्या करें पैरेंट्स

punjabkesari.in Wednesday, Apr 16, 2025 - 03:42 PM (IST)

नारी डेस्क: डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होना, सिर्फ बड़े लोगों को ही नहीं बल्कि छोटे शिशुओं को भी हो सकती है। जब शिशु के शरीर में जरूरत से कम पानी और जरूरी नमक (इलेक्ट्रोलाइट्स) रह जाते हैं तो यह स्थिति डिहाइड्रेशन कहलाती है। यह समस्या गर्मियों में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन सर्दियों में भी हो सकती है, खासकर जब शिशु को दस्त, उल्टी या बुखार हो। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शिशुओं में डिहाइड्रेशन के लक्षण क्या होते हैं, इसका क्या कारण होता है, और माता-पिता को इस स्थिति में क्या करना चाहिए।

शिशुओं में डिहाइड्रेशन के लक्षण

बहुत कम या बिल्कुल पेशाब न होना
मसूड़े (Gums) सूखे लगना और मुंह में लार कम होना
आँसू कम आना या रोते समय बिना आँसू के रोना
आँखें धंसी हुई लगना
सिर का ऊपर का हिस्सा (soft spot) अंदर की तरफ धंसा होना
बेचैनी, चिड़चिड़ापन या सुस्ती होना
त्वचा सूखी और बेजान लगना

डिहाइड्रेशन के मुख्य कारण

दस्त और उल्टी: यह सबसे सामान्य कारण हैं, खासकर गर्मियों और बारिश के मौसम में।

बुखार: बुखार में शरीर से अधिक पसीना निकलता है जिससे पानी की कमी हो सकती है।

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धूप या गर्मी में ज्यादा देर रहना: बहुत छोटे बच्चे अगर अधिक गर्मी में रह जाएं तो उन्हें पसीने के साथ काफी पानी की कमी हो सकती है।

दूध न पीना या कम पीना: कई बार बीमार होने पर शिशु दूध पीना बंद कर देते हैं, जिससे शरीर को जरूरी तरल नहीं मिल पाता।

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माता-पिता क्या करें?

तरल पदार्थ दें:अगर बच्चा 6 महीने से बड़ा है, तो उसे ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) दिया जा सकता है। यह दवा की दुकान से आसानी से मिल जाता है। मां का दूध सबसे जरूरी तरल है। अगर बच्चा मां का दूध पीता है, तो उसे बार-बार स्तनपान कराएं। थोड़ा-थोड़ा कर के कई बार तरल पदार्थ दें।

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डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें: अगर बच्चा 6 महीने से छोटा है और आपको डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखते हैं तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। अगर बच्चा लगातार उल्टी कर रहा है या दस्त रुक नहीं रहे हैं, तो भी डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

स्वच्छता बनाए रखें: बच्चे के हाथ-पैर और खिलौने साफ रखें ताकि उसे कोई संक्रमण न हो। मां-बाप को भी बच्चे को छूने से पहले हाथ धोने चाहिए।

क्या न करें?

बच्चे को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें।
बाजार में मिलने वाले मीठे जूस या कोल्ड ड्रिंक न पिलाएं।
बहुत ठंडा पानी या बर्फ न दें।

शिशुओं में डिहाइड्रेशन एक गंभीर समस्या बन सकती है अगर समय पर इलाज न किया जाए। माता-पिता को इसके लक्षणों की जानकारी होना और सही समय पर सही कदम उठाना बहुत जरूरी है।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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