किसी से भी मिलने में शर्माता है बच्चा, एक्सपर्ट ने पैरेंट्स को बताई आसान टिप्स जो झिझक को करेगी दूर
punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 04:21 PM (IST)

नारी डेस्क: सोशल स्किल्स यानी सामाजिक कौशल हर इंसान के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। जो लोग बिना झिझक के किसी से भी बात कर लेते हैं उन्हें न सिर्फ उनकी पर्सनल लाइफ में बल्कि प्रोफेशनल लाइफ में भी बहुत फायदा होता है। ऐसे लोग ज़िंदगी की दौड़ में अक्सर आगे रहते हैं और कई बार लीडिंग रोल भी निभाते हैं।
सोशल स्किल्स का विकास बचपन से होता है
लोगों में ये सोशल स्किल्स बचपन से ही विकसित होने लगती हैं। सभी माता-पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करे। वे चाहते हैं कि उनका बच्चा मॉनीटर बने, क्लास रिप्रेजेंटेटिव बने, हेड बॉय या हेड गर्ल बने और जब वो स्कूल से बाहर आए तो काम की जगह भी लीडिंग रोल निभाए।
झिझकने वाले बच्चों के लिए पेरेंट्स की चिंता
लेकिन कई बच्चे दूसरों से बात करने में शर्माते हैं, वे झिझकते हैं। ऐसे बच्चों को लेकर माता-पिता बहुत चिंतित हो जाते हैं। उन्हें डर होता है कि कहीं उनके बच्चे का भविष्य खतरे में तो नहीं है। पेरेंट एजुकेटर अर्पिता अक्षय पिथावा कहती हैं कि ऐसे शर्माने वाले बच्चों को सही तरीके से समझाया जाए तो उनकी झिझक दूर हो सकती है। इससे बच्चों की सोशल स्किल्स में सुधार होता है और वे ज्यादा आत्मविश्वासी बनते हैं।
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बच्चे की सोशल स्किल्स कैसे सुधारें
इंट्रोवर्ट होना बुरा नहीं है: पेरेंट्स को यह समझना बहुत ज़रूरी है कि इंट्रोवर्ट होना बुरा नहीं होता। अगर बच्चे के सामने बार-बार ये कहा जाए कि वह बहुत शर्माता है या किसी से बात नहीं करता, तो इससे बच्चे का कॉन्फिडेंस कम हो जाता है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चे के सामने इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।
अपनी कहानियां बच्चे से शेयर करें: अपने बचपन की या अपनी ऑकवर्ड (awkward) कहानियों को बच्चे के साथ शेयर करें। उसे बताएं कि जब आप पहली बार ऑफिस गए थे तो आपका दिन कैसा गुजरा था। इससे बच्चे के दिमाग में यह बात बनती है कि पहले और अब के समय में आपके भीतर कितना बदलाव आया है। इस तरह बच्चे खुद भी प्रेरित (inspired) होते हैं।
गेस्ट आने से पहले बच्चे को तैयार करें: अगर घर में कोई मेहमान आने वाला है या आप कहीं जाने वाले हैं, तो बच्चे को पहले से तैयार करें। उसे समझाएं कि जब मेहमान आए तो उन्हें कैसे नमस्ते या हाय-हैलो कहना है। इंट्रोवर्ट बच्चे अचानक से यह नहीं समझ पाते कि दूसरों के सामने कैसे व्यवहार करना चाहिए। इसलिए बच्चे को पहले से प्रिपेयर करना बहुत जरूरी होता है।
रोल प्ले खेलें: रोल प्ले एक बहुत अच्छा तरीका है बच्चों की सोशल स्किल्स बढ़ाने का। आप बच्चे के साथ रोल प्ले खेल सकते हैं, जिसमें आप टीचर बनें और बच्चा स्टूडेंट। इस तरह बच्चा बातचीत करना और खुद को व्यक्त करना सीखता है। इससे उसके कॉन्फिडेंस में भी वृद्धि होती है।
हमउम्र बच्चों के साथ खेलना: अपने बच्चे के उम्र के दूसरे बच्चों को घर बुलाएं। हमउम्र बच्चों के साथ खेलना और बातचीत करना बच्चे के लिए घुलने-मिलने को आसान बनाता है। इससे बच्चे की कम्युनिकेशन स्किल्स भी बेहतर होती हैं और वह दूसरों के साथ सहज महसूस करता है।
अगर माता-पिता इन तरीकों को अपनाएं तो बच्चों में सोशल स्किल्स का विकास होता है और उनकी झिझक भी दूर होती है। इससे बच्चे स्कूल और जीवन दोनों में आगे बढ़ सकते हैं।