Eid 2022: क्यों मनाई जाती है ईद, जानिए इस त्योहार से जुड़ी कुछ खास बातें
punjabkesari.in Monday, May 02, 2022 - 11:01 AM (IST)
आज पूरे भारत में ईद का त्योहार बहुत ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद का त्योहार मुसलिम लोग पूरे जोश से मनाते हैं। यह लोग एक महीने तक अल्लाह की ईबादत करते हैं। रमजान के बाद मनाई जाने वाली ईद लोगों के दिल में उत्साह भर देती है। इस दिन मुसलिम लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। लेकिन बहुत से कम लोग जानते हैं कि ईद का त्योहार क्यों मनाया जाता है? इस महीने में मुसलमान रोजे क्यों रखते हैं और चांद देखकर ही ईद क्यों मनाते हैं? आइए बताते हैं आपको इससे जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में...
क्यों मनाते हैं ईद
मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए ईद का त्योहार बहुत ही पवित्र माना जाता है। ईद उल फितर और ईद उल जुहा बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। सारे महीने रमजान के रोजे रखने के बाद ईद मनाकर इस त्योहार की समाप्ति की जाती है। इस दिन ईद के रुप में अल्लाह से दुआएं मांगते हैं। ईद मनाने से पहले एक परंपरा निभाते हैं जिसे फितरा कहा जाता है। इस परंपरा में ईद मनाने वाला हर मुसलमान अपने पास से गरीब को कुछ अनाज देता है ताकि वह भी ईद खुशी और उत्साह से मना सकें।
कैसे और कब मनाई गई थी पहली ईद
बहुत से कम लोग जानते हैं कि ईद के त्योहार की शुरुआत कैसे हुई। इस्लाम के त्योहार में मान्यता है कि हजरक मुहम्मद पैगंबर ने सन् 624 ई. में जंग-ए-बदर- में पहली ईद मनाई थी। ईद का त्योहार हिंदुओं के दीपावली के त्योहार से कुछ मेल खाता है। मुसलिम लोग भी इस त्योहार में ऐसे ही खुशी और उत्साह से इस त्योहार को मनाते हैं।
आखिर चांद को क्यों देखकर मनाई जाती है ईद
रमजान के महीने में रोजे रखने के बाद ही ईद का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। भारतीय त्योहारों में चांद का बहुत ही महत्व माना जाता है। वैसे ही ईद के त्योहार का भी चांद से बहुत ही गहरा संबंध हैं। इस महीने में मनाई जाने वाली ईद को ईद-उल-फितर का कहा जाता है। हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, दसंवे महीने के पहले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। रमजान के महीने के बाद नए महीने की शुरुआत के तौर पर ईद का त्योहार मनाया जाता है और इसे शव्वाल कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, जब तक चांद न दिखे रमजान खत्म नहीं होता और शव्वाल भी शुरु नहीं हो सकता। इसलिए चांद देखकर ही ईद को पूरा माना जाता है।
क्या करना चाहिए ईद वाले दिन
वैसे तो ईद खुशियां मनाने का एक पवित्र त्योहार है। लेकिन इसे मनाने के कुछ नियम भी हैं। जिनका पालन करना भी बहुत ही आवश्यक है। इस दिन की शुरुआत सुबह प्रात उठकर फजर की नमाज पढ़ने से होती है। फिर स्वंय की साफ-सफाई करके, साफ कपड़े पहनकर, इत्र लगाकर, कुछ खाने वाली चीज का सेवन करके दरगाह में जाकर नमाज पढ़ें। इस नमाज को खुले में ही पढ़ा जाता है। इस दिन ईदगाह से आने और वहां पर जाने के लिए मुस्लिम लोग अलग-अलग राहों का इस्तेमाल करते हैं।
ईद पर जरुरी नहीं है नए कपड़े
ईद के दिन को लेकर एक मान्यता है कि इस दिन नए कपड़े पहने जाते हैं। लेकिन यह बात सच नहीं है इस दिन आपको साफ कपड़े पहनने होते हैं। साफ से अर्थ है जो एकदम साफ हों, परंंतु नए कपड़े पहनना कोई जरुरी नहीं है। इस दिन कपड़ों पर इत्र भी लगाया जाता है। किन्तु यह भी जरुरी नहीं है।