क्या होगा जब आप दो दिन तक पिएंगे सिर्फ पानी? जानिए क्या है ये ''पानी वाला व्रत''

punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 12:15 PM (IST)

नारी डेस्क: वॉटर फास्टिंग  एक प्रकार का उपवास होता है जिसमें व्यक्ति एक निश्चित समय अवधि तक केवलपानी का सेवन करता है और कोई अन्य भोजन या पेय नहीं लेता। यह उपवास आमतौर पर 24 से 72 घंटे तक किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे इससे अधिक समय तक भी करते है। इसे अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। चलिए जानते हैं इस उपवास के बारे में विस्तार से।
 

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वॉटर फास्टिंग क्यों किया जाता है?

इसका धार्मिक या आध्यात्मिक कारणों भी है, दरअसल  कई धर्मों में जल उपवास को आत्मशुद्धि, साधना और प्रभु-भक्ति का माध्यम माना जाता है। वहीं कुछ लोग वजन कम करने के लिए वॉटर फास्टिंग का सहारा लेते हैं क्योंकि इससे कैलोरी की खपत शून्य हो जाती है। कुछ रिसर्च यह संकेत करती हैं कि जल उपवास मेटाबॉलिज़्म सुधार सकता है,इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ा सकता है, शरीर को डिटॉक्स कर सकता है और सूजन कम कर सकता है।


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वॉटर फास्टिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान

यह फास्ट करने से पहले चिकित्सकीय सलाह ज़रूर लें, खासकर यदि आपको मधुमेह, लो ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, या कोई अन्य पुरानी बीमारी है। गर्भवती महिलाएं, बुज़ुर्ग और बच्चे  इस प्रकार का उपवास न करें। ध्यान रखें कि लंबे समय तक वॉटर फास्टिंग करने से कमज़ोरी, चक्कर आना, डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


सुरक्षित फास्टिंग के लिए सुझाव

- शुरुआत में 24 घंटे तक ही करें।
-दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
-फास्ट के बाद हल्के और सुपाच्य भोजन से वापसी करें
- अचानक भारी भोजन करने से पेट खराब हो सकता है।


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vasudha

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