कैसा होना चाहिए नवजात बच्चे का खान-पान? कब लेकर जाएं डॉक्टर के पास जानिए

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2022 - 01:27 PM (IST)

छोटे बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। उनके खान-पान का खास ध्यान रखना पड़ता है। कई बार तो बच्चों की बीमारी का पत्ता नहीं चलता और बच्चे ज्यादा बीमार हो जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, छह महीने की उम्र से बच्चे को भोजन के अलावा पोषक तत्वों को ज्यादा जरुरत होती है। बच्चे के शुरुआती छह महीनों में पाचन और रोग प्रतिरोधक प्रणाली धीरे-धीरे मजबूत होती है। ऐसे में आपको बच्चे के खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं आपको बच्चे को क्या-क्या खिलाना चाहिए और कब उसे डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए। 

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खानपान का रखें ध्यान 

यदि नवजात शिशु की मां को दूध नहीं आता तो आप बच्चे को बेबी फूड खिलाएं। परंतु कोई भी ठोस चीज बच्चे को बिल्कुल भी न दें। छह महीने तक आप बच्चे को पानी भी न पिलाएं। ज्यादा ठोस खाने से या फिर पानी पीने से बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। बच्चे की तबीयत भी खराब हो सकती है। इसके अलावा बच्चे की जान भी खतरे में पड़ सकती है। 

स्तनपान करवाते समय रखें ध्यान 

यदि आप अपने नवजात बच्चे को स्तनपान करवा रही है तो आप स्वंय भी अपने खान-पान का ध्यान रखें। आप जो भी खाएंगी बच्चे को स्तनपान के जरिए वही मिलेगा। शोध के मुताबिक, यदि नवजात की मां खाने में करेले का सेवन करती हैं तो बच्चे को स्तनपान के समय दूध भी कड़वा लग सकता है। कोई भी उल्टी-सीधी चीज का सेवन न करें। दाल और पोषक आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। 

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बच्चे को किसी भी तरह की झटके से बचाएं 

नवजात शिशु को कभी भी जोर से न हिलाएं। रिसर्च के अनुसार, ऐसा करने से बच्चों पर SIDS(Sudden Infant Death Syndrome) का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा करने से बच्चे के सिर में खून रिसने लगता है, जिसके कारण उनकी मौत  भी हो सकती है। यदि आप बच्चे को नींद से जगाना चाहते हैं तो उसके पैरों पर हल्की से चिकोटी काटें। लेकिन उसे जोर से हिलाएं नहीं। 

 ऐसी परिस्थिति में करें डॉक्टर से संपर्क  

यदि आप बच्चे को काफी देर से स्तनपान करवा रही हैं तो बच्चा पूरे दिन में 6-8 बार डायपर गीला कर सकता है। पेट में गड़बड़ के कारण भी बच्चे ज्यादा डायपर गीला कर सकते हैं। परंतु यदि बच्चा 4 बार से ज्यादा डायपर गीला करता है तो उसे आप डॉक्टर के पास ले जाएं। नवजात बच्चे निमोनिया जैसी बीमारियों के चपेट में भी बहुत ही जल्दी आ जाते हैं। यदि आप बच्चे को ज्यादा रोता हुआ देखें तो ऐसी परिस्थिति में आप उसे तुंरत डॉक्टर के पास ले जाएं। 

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palak

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