गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए सुरक्षा कवच है ये टीका, हर प्रेगेंट महिला को होनी चाहिए इसकी जानकारी
punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 11:46 AM (IST)

नारी डेस्क: गर्भावस्था के दौरान काली खांसी (Whooping Cough) से बचाने के लिए दी जाने वाली टीका मां और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। इसे Tdap वैक्सीन कहा जाता है। एक अध्ययन के अनुसार गर्भवती महिलाओं को काली खांसी के खिलाफ टीका लगाने से शिशुओं के शुरुआती जीवन में एंटीबॉडीज की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल 16 मिलियन मामले सामने आते हैं और लगभग 195,000 बच्चों की मृत्यु होती है।
काली खांसी क्या है?
काली खांसी (Pertussis या Whooping Cough) एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो बच्चों को खासतौर पर गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसमें बच्चे को लगातार खांसी आती है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। गर्भवती महिला को जब 28वें से 36वें सप्ताह के बीच यह टीका दिया जाता है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं, जो प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे तक पहुंचती हैं। इससे नवजात शिशु को जीवन के पहले कुछ महीनों में संक्रमण से सुरक्षा मिलती है, जब वो खुद टीका नहीं ले सकता।
यह भी पढ़ें: अनंत अंबानी फिर धार्मिक यात्रा पर
दो प्रकार के पर्टुसिस टीकों का होता है इस्तेमाल
फिनलैंड में तुर्कू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था में पर्टुसिस टीकाकरण के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए गाम्बिया में एक यादृच्छिक, नियंत्रित, डबल-ब्लाइंड, चरण 4 परीक्षण किया। वर्तमान में दुनिया भर में दो प्रकार के पर्टुसिस टीकों का उपयोग किया जाता है: मारे गए पूरे बैक्टीरिया पर आधारित संपूर्ण-कोशिका टीके (wPV) और एक से पांच शुद्ध बैक्टीरिया प्रतिजनों पर आधारित अकोशिकीय टीके (aPV)। द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज में प्रकाशित निष्कर्षों ने प्रदर्शित किया कि गर्भावस्था में महिलाओं को डिप्थीरिया-टेटनस-अकोशिकीय पर्टुसिस टीके लगाना सुरक्षित और अच्छी तरह से सहनीय था और इससे शुरुआती जीवन में शिशुओं में पर्टुसिस-विशिष्ट एंटीबॉडी की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि हुई।
यह भी पढ़ें: प्रिंसिपल और टीचर के बीच जमकर चले थप्पड़ और लात-घूंसे
इस वैक्सीन के फायदे
Tdap वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी मानी जाती है। यह जन्म के तुरंत बाद बच्चे की संक्रमण से सुरक्षा करती है। क्योंकि बच्चा 2 महीने की उम्र तक टीका नहीं ले सकता। अमेरिका, यूके और भारत सहित कई देशों में यह टीका गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य रूप से सलाह दी जाती है। वैक्सीन सिर्फ हर गर्भावस्था में एक बार लगवाई जाती है, चाहे पहले ली हो या नहीं।अपने डॉक्टर से सही समय और ब्रांड के बारे में सलाह जरूर लें।