गर्भ में ही क्यों कर देते हैं कुछ बच्चे पॉटी, क्या इससे हो जाती है बेबी की Death ?

punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 05:53 PM (IST)

नारी डेस्क:  बच्चे को जन्म देने के दौरान और इससे पहले एक मां को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। एक थोड़ी सी लापरवाही बच्चे के साथ- साथ उनकी जान की भी दुश्मन बन जाती है। हमने कई ऐसे मामले सुने होंगे जिसमें कि बच्चे ने गर्म में ही मल (पॉटी) पास कर दी है। इसे मेडिकल भाषा में Meconium-stained amniotic fluid (MSAF) या Meconium Aspiration Syndrome (MAS) कहा जाता है। यह एक सामान्य लेकिन कभी-कभी खतरनाक स्थिति होती है। चलिए जानते हें इसके बारे में विस्तार से।

 

यह भी पढ़ें: बच्चों के साथ पेरेंट्स जरूर करें Summer Holiday Activities
 

 गर्भ में बच्चा पॉटी कब करता है?

सामान्य रूप से बच्चा जन्म के बाद ही पहली बार मल त्याग करता है, जिसे मीकोनियम (Meconium) कहा जाता है। किन कुछ स्थितियों में बच्चा गर्भ में ही पॉटी कर देता है, जैसे:

गर्भ में ऑक्सीजन की कमी (Fetal distress)

गर्भावधि पूरी हो चुकी हो (Post-term pregnancy - 40 हफ्तों से ज्यादा)

मां को हाई ब्लड प्रेशर, शुगर या अन्य कॉम्प्लिकेशन हो

प्लेसेंटा में रक्त प्रवाह की कमी

Umbilical cord की समस्या

 खतरा क्या होता है?

अगर बच्चा गर्भ में पोटी कर देता है, तो यह एमनियोटिक फ्लूइड में मिल जाता है। जब बच्चा सांस लेने की कोशिश करता है, तो मीकोनियम युक्त पानी उसके फेफड़ों में चला सकता है, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, फेफड़ों में सूजन या ऑक्सीजन लेवल गिर सकता है। गंभीर मामलों में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है
 

यह भी पढ़ें: सड़क पर तड़प रहे लड़के को मौत के मुंह से खींच लाई अजनबी लड़की
 

मां को क्या खतरा होता है?

आमतौर पर मां को प्रत्यक्ष खतरा नहीं होता, लेकिन नॉर्मल डिलीवरी की संभावना घट सकती है।  संक्रमण (इनफेक्शन) का खतरा बढ़ सकता है अगर पोटी के कारण अमनियोटिक फ्लूइड गंदा हो जाए।  अगर डॉक्टर को डिलीवरी से पहले पता चलता है कि एमनियोटिक फ्लूइड में पोटी है तो मां और बच्चे की लगातार निगरानी की जाती है। कभी-कभी इमरजेंसी सी-सेक्शन (C-Section) किया जाता है

डिलीवरी के बाद की प्रक्रिया

विशेषज्ञ Pediatrician / Neonatologist को पहले से बुलाया जाता है।  डिलीवरी के तुरंत बाद बच्चे की नासिका और मुंह की सफाई की जाती है। अगर बच्चा सांस नहीं ले रहा हो, तो resuscitation या NICU में भर्ती किया जा सकता है। ऐसे में जल्द बनने वाली मां प्रेगनेंसी के आखिरी हफ्तों में fetal movements पर जरूर ध्यान दें। कोई हलचल कम लगे तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। कई बार नियमित चेकअप न कराने के चलते भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर NST (Non Stress Test) या अल्ट्रासाउंड करवाएं


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static